एडीलेड : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने एडीलेड में पहले क्रिकेट टेस्ट में जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया को चेताया है कि मेहमान टीम के जज्बे में आगे भी कोई कमी नहीं आएगी और बाकी बचे तीन मैचों में भी टीम इंडिया जीत के इरादे से उतरेगी.
भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 70 बरस में पहली बार शृंखला का पहला टेस्ट जीता जब उसने सोमवार को यहां 31 रन से रोमांचक जीत दर्ज की. कोहली ने कहा, हम सिर्फ एक टेस्ट मैच से खुश नहीं होने वाले. हां, हम इस जीत से खुश हैं, लेकिन हमें इसे आगे बढ़ाना होगा. हमारे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है.
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भारत 2014 में भी एडीलेड ओवल में पहला टेस्ट जीतने के करीब पहुंचा था, लेकिन अंत में उसे 48 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा था. भारतीय कप्तान ने कहा, चार साल पहले दूसरी टीम 48 रन से जीती थी. इस बार काफी बेहतर काम किया और हम 31 रन से जीते. यह शानदार अहसास है- ऑस्ट्रेलिया में शृंखला (टेस्ट) में कभी बढ़त नहीं बनाई, इससे काफी मनोबल बढ़ेगा.
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उन्होंने कहा, इससे हमें इस तरह की बड़ी शृंखला खेलने के लिए सही लय मिली है. हमें पांच दिन तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी. शारीरिक और मानसिक मेहनत, और भावनाएं भी, यह सभी नतीजें में नजर आयी, इसलिए यह विशेष अहसास है. भारत के 323 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम ने कड़ी टक्कर पेश की लेकिन इसके बावजूद दूसरी पारी में टीम 291 रन पर आउट हो गई.
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने जीत दिलाने के लिए चार गेंदबाजों के अपने आक्रमण की तारीफ की. कोहली ने कहा, यह काफी सकारात्मक संकेत हैं (चार गेंदबाजों के साथ 20 विकेट चटकाना). विशेषकर कूकाबूरा गेंद से, अतीत में हम इस तरह के दबाव को अधिक देर तक झेलने में नाकाम रहे थे.
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उन्होंने कहा, पहला दिन हमारे खिलाफ गया, लेकिन चेतेश्वर पुजारा ने हमें मैच में वापसी दिलाई, इसके बाद बाकी चार दिन हमने पकड़ ढीली नहीं होने दी. इस बार हमें अपनी गलतियों से जल्दी सबक लेने की जरूरत थी. ऑस्ट्रेलिया ने दिन की शुरुआत चार विकेट पर 104 रन से की लेकिन कोहली ने कहा कि उनकी टीम ने कभी चीजों को हल्के में नहीं लिया.
कोहली ने कहा कि चार गेंदबाजों के साथ उतरते हुए यह महत्वपूर्ण है कि आप अलग अलग मौकों पर उनका प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करें. स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने दो पारियों में 86.5 ओवर फेंके और इस दौरान छह विकेट चटकाए.
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भारतीय कप्तान ने कहा, अगर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर चार विकेट पर 50 रन होता तो हम सीधे अपने स्ट्राइक गेंदबाजों के साथ उतर सकते थे और इस दौरान अगर कुछ रन बन जाते तो फर्क नहीं पड़ता. आज सुबह हम अश्विन और इशांत शर्मा के साथ उतरे क्योंकि एक समय था जब वह ओवर में अधिकतम एक या दो से अधिक रन ही बना रहे थे. यह 2008 से ऑस्ट्रेलिया में भारत की पहली टेस्ट जीत है.
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