महिला कोच चयन के बहाने सीओए प्रमुख पर बरसे चौधरी और एडुल्जी
नयी दिल्ली : भारतीय महिला क्रिकेट कोच की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बीसीसीआई के कार्यवाहक कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी और प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी ने आज सीओए प्रमुख विनोद राय को आड़े हाथों लिया. उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होनी हैं और इसलिए कोषाध्यक्ष ने कहा कि किसी […]
नयी दिल्ली : भारतीय महिला क्रिकेट कोच की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए बीसीसीआई के कार्यवाहक कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी और प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी ने आज सीओए प्रमुख विनोद राय को आड़े हाथों लिया.
उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होनी हैं और इसलिए कोषाध्यक्ष ने कहा कि किसी तरह के कानूनी मामले से बचने के लिये बेहतर होता कि कोच पद के लिये साक्षात्कार सुनवाई के बाद किये जाते.
चौधरी ने अपने पत्र में लिखा, क्या यह उचित नहीं होता कि उच्चतम न्यायालय के सामने अगली सुनवाई यानि 17 जनवरी तक इंतजार किया जाता और तब तक कोच चयन का वर्तमान मसला टाल दिया जाता और या रमेश पोवार को पद पर बरकरार रखा जाता या किसी अन्य को तब तक कार्यभार सौंप दिया जाता.
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उन्होंने कहा, इससे अनावश्यक कानूनी मसलों और अवांछित विवाद से बचा जा सकता था. बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार भारत की पुरुष टीम के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन और पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन के नाम की सिफारिश कोच पद के लिये की गयी.
पूर्व कप्तान कपिल देव, अंशुमन गायकवाड(और शांता रंगास्वामी की तदर्थ समिति ने बोर्ड को इन नामों की सिफारिश की है. चौधरी ने कहा कि वर्तमान स्थिति में बोर्ड नियुक्ति को मंजूरी नहीं दे सकता. पूर्व भारतीय कप्तान एडुल्जी ने गुरुवार की सुबह राय को पत्र लिखकर साक्षात्कार की प्रक्रिया रोकने के लिये कहा था, लेकिन भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी एम श्रीकृष्णा से राय लेने के बाद साक्षात्कार प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दे दी.
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चौधरी का मानना है कि राय के साक्षात्कार प्रक्रिया जारी रखने के फैसले से एडुल्जी ठगी हुई सी महसूस कर रही हैं. एडुल्जी ने पहले भी साक्षात्कार रोकने की अपील की थी.
चौधरी ने लिखा, सीओए की सदस्या डायना एडुल्जी ने जो मेल भेजा है उसमें, उन्होंने कुछ बेहद मौलिक मुद्दों को उठाया है. यह मेल सभी पदाधिकारियों को भी भेजा गया है. इससे हमें सीओए, पेशेवर प्रबंधन और बीसीसीआई की कानूनी टीम के कामकाज के तरीकों की जानकारी पता चली है.
उन्होंने कहा, मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि बीसीसीआई प्रशासन के संबंध में यह अच्छी तस्वीर पेश नहीं करता. इससे लगता है कि चीजों को हल्के से लिया जा रहा है, निर्णय करने में अनिमियतता लगती है जिसका परिणाम गैरकानूनी हो साबित हो सकता है.
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उच्चतम न्यायालय से नियुक्त सीओए में कोच चयन प्रक्रिया को लेकर मतभेद थे. एडुल्जी पोवार को बनाये रखना चाहती थी जबकि राय ने बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों को नये आवेदन मंगवाने के निर्देश दिये थे.