मेलबर्न : चेतेश्वर पुजारा के 17वें टेस्ट शतक तथा अन्य बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से भारत ने एमसीजी की मुश्किल पिच पर तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन गुरुवार को यहां अपनी पहली पारी सात विकेट पर 443 रन पर समाप्त घोषित की. ऑस्ट्रेलिया ने इसके जवाब में सहज शुरुआत की तथा दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के आठ रन बनाये. वह अभी भारत से 435 रन पीछे है. भारतीय पारी का आकर्षण पुजारा (106) का शतक तथा कप्तान विराट कोहली (82), मयंक अग्रवाल (76) और रोहित शर्मा (नाबाद 63) के अर्धशतक रहे.
पुजारा और कोहली ने तीसरे विकेट के लिए 170 रन की साझेदारी की. इसके बाद रोहित ने अंजिक्य रहाणे (34) के साथ 62 और रिषभ पंत (39) के साथ 76 रन की दो उपयोगी साझेदारियां निभायीं. पैट कमिंस ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल गेंदबाज रहे. उन्होंने 72 रन देकर तीन विकेट लिये. मिचेल स्टार्क ने 87 रन देकर दो, जबकि जोश हेजलवुड और नाथन लियोन ने एक-एक विकेट लिया.
कोहली ने पारी समाप्त घोषित की, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने दिन के बाकी बचे छह ओवर में किसी तरह का जोखिम नहीं लिया. उसके सलामी बल्लेबाजों मार्कस हैरिस (नाबाद पांच) और आरोन फिंच (नाबाद तीन) ने इस बीच विकेट बचाये रखने को तवज्जो दी. इस बीच जसप्रीत बुमराह की गेंद हैरिस के हेलमेट पर भी लगी, जिससे कुछ देर के लिए खेल रुका रहा. भारत ने सुबह दो विकेट पर 215 रन से आगे खेलना शुरू किया. कोहली ने दिन के पहले ओवर में ही 110 गेंदों पर अपना 20वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया. पहले घंटे में दोनों बल्लेबाजों ने थोड़ी तेजी दिखायी, लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया रन प्रवाह पर अंकुश लगाने में सफल रहा. कमिन्स ने शुरू से दोनों भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में रखा, लेकिन स्पिनर लियोन पहले दो सत्र में प्रभावी नहीं दिखे. उन्होंने लेग साइड पर क्षेत्ररक्षण सजाकर गेंदबाजी की. पुजारा के साथ उनका द्वंद्व देखने लायक था.
भारतीय बल्लेबाज ने उन पर कुछ खूबसूरत शॉट लगाये. पुजारा ने लंच से ठीक पहले 280 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. भारत ने 28 ओवर में केवल 62 रन जोड़े, लेकिन इस बीच उसने कोई विकेट नहीं गंवाया. दूसरे सत्र में पुजारा और कोहली दोनों पवेलियन लौटे और इस बीच 26 ओवरों में 69 रन बने. पहले दिन 47 रन के निजी योग पर जीवनदान पाने वाले कोहली ने पीठ में परेशानी के कारण चिकित्सकों की मदद ली और फिर स्टार्क पर दो खूबसूरत पुल किये.
इस बीच वह 82 रन पहुंचते ही एक कैलेंडर वर्ष में भारत की तरफ से विदेशी सरजमीं पर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बने. उन्होंने राहुल द्रविड़ के 2002 में बनाये गये 1137 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा. कोहली रन गति में तेजी लाना चाहते थे, लेकिन इसी प्रयास में उनका कट थर्ड मैन पर खड़े फिंच के सुरक्षित हाथों में चला गया.