सिडनी : भारतीय सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन अपना पहला टेस्ट शतक पूरा नहीं कर पाने से निराश हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द ही अपनी गलतियों से सबक लेना सीख लेंगे.
अग्रवाल ने 77 रन बनाये जबकि चेतेश्वर पुजारा ने 18वां टेस्ट शतक जमाया जिससे भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक चार विकेट पर 303 रन बनाये. इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिये 116 रन जोड़े. कर्नाटक के सलामी बल्लेबाज ने मेलबर्न टेस्ट मैच में भी 76 और 42 रन की पारियां खेली थी.
उन्होंने गुरुवार को कहा, मैं बड़ा स्कोर नहीं बना पाने के कारण निराश हूं, लेकिन मेरे लिये यह सीखने का समय है. अगर मैं फिर से यह गलती नहीं करता हूं तो इसका मतलब होगा कि मैंने अच्छी सीख ली. मैं नाथन लियोन पर दबदबा बनाने की सोच रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. मैं वास्तव में निराश हूं कि मैंने अपना विकेट इनाम में दिया.
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भारत ने केएल राहुल का विकेट दूसरे ओवर में गंवा दिया. इसके बाद अग्रवाल और पुजारा को विषम पलों से गुजरना पड़ा. अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने साझेदारी निभाने पर ध्यान दिया और वह इस दौरान पुजारा से इसी को लेकर बात करते रहे. अग्रवाल ने कहा, हाल में मैंने न्यूजीलैंड ए टीम (न्यूजीलैंड में) के खिलाफ इस तरह की शार्ट पिच गेंदों का सामना किया था.
उन्होंने भी हमारे लिये मुश्किलें पैदा की थी, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने हमारी कड़ी परीक्षा ली. उन्होंने बहुत तेज गति से बाउंसर किये. उन्होंने लगातार ऐसा किया. उन्होंने कहा, हमारी योजना प्रत्येक विकेट के बाद साझेदारियां निभाने की थी और हमने इसी पर बात की. हमने एक दूसरे से कहा कि शरीर के पास खेलने का प्रयास करो और विकेट नहीं गंवाना है, भले ही हम तेजी से रन नहीं बना पायें.
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पुजारा अभी 130 रन बनाकर खेल रहे थे, उन्होंने 250 गेंदों का सामना किया है. इस शृंखला में यह चौथा अवसर है जबकि उन्होंने पारी में 200 से अधिक गेंदें खेली. अग्रवाल ने इस शृंखला में तीसरा शतक जड़ने वाले इस बल्लेबाज की जमकर प्रशंसा की, उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर उन्हें दूसरे छोर से बल्लेबाजी करते हुए और गेंदबाजों को परेशानी को डालते हुए देखने का अलग आनंद है.
वह अपने मजबूत पक्षों को समझते हैं और उनकी रक्षात्मक बल्लेबाजी में उनका जवाब नहीं है. वह रन बनाने के लिये खराब गेंदों का इंतजार करते हैं. अग्रवाल ने कहा, यह पांच दिनी मैच है और इसमें आपके पास पर्याप्त समय होता है. यह लंबे अंतराल वाला मैच है और अगर आप उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखते हो तो आप काफी कुछ सीख सकते हो.
संयम उनका मजबूत पक्ष है और वह इस पर कायम रहते हैं. अग्रवाल ने कहा कि अपनी सफलता का श्रेय राहुल द्रविड़ को दिया, जिन्होंने उनमें आत्मविश्वास भरा. उन्होंने कहा, रन बनाने से आपका आत्मविश्वास बढ़ता है. आप जितना अधिक खेलते हो उतना ही आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.
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द्रविड़ के रहते हुए खेलना अच्छा रहा. बल्लेबाज होने के नाते हम तकनीक और खेल के बारे में बात करते हैं और वह हमारी मदद करने, हमें सही राह दिखाने और आगे बढ़ने में सहयोग करने के लिये साथ में थे. उनकी सलाह वास्तव में काफी मददगार रही.
अग्रवाल ने टेस्ट मैच में दूसरे दिन की योजना के बारे में कहा, हम काफी खुश है. हम चाहते कि हमारे तीन विकेट ही गिरते, लेकिन पहले बल्लेबाजी का फैसला करने के बाद चार विकेट पर 303 रन के स्कोर से मुझे लगता है कि हम अच्छी स्थिति में हैं.