मांजरेकर ने इस भारतीय खिलाड़ी की तुलना वीरेंद्र सहवाग से की, कहा, ”दिखती है वीरु की झलक”
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया में ‘स्वप्निल पदार्पण’ के बाद वीरेंद्र सहवाग से तुलना से गदगद मयंक अग्रवाल ने कहा कि अगर वह इस पूर्व सलामी बल्लेबाज के चमकदार करियर का आधा भी हासिल कर लेंगे तो उन्हें खुशी होगी. पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर और उनके निजी कोच इरफान सैत को लगता है कि अग्रवाल […]
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया में ‘स्वप्निल पदार्पण’ के बाद वीरेंद्र सहवाग से तुलना से गदगद मयंक अग्रवाल ने कहा कि अगर वह इस पूर्व सलामी बल्लेबाज के चमकदार करियर का आधा भी हासिल कर लेंगे तो उन्हें खुशी होगी.
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर और उनके निजी कोच इरफान सैत को लगता है कि अग्रवाल में ‘सहवाग की थोड़ी झलक’ दिखती है जिनके खेलने की शैली सहवाग की आक्रामक शैली की तरह दिखती है.
शृंखला के बीच टीम में शामिल किये गये 27 साल के खिलाड़ी ने मेलबर्न और सिडनी में मौके का फायदा उठाकर 77, 76 और 42 रन की पारियां खेलीं जिसने ऑस्ट्रेलिया में भारत की पहली टेस्ट जीत में अहम भूमिका निभायी.
इसे भी पढ़ें…
कभी इमरान खान की कप्तानी में मैच खेलना चाहते थे संजय मांजरेकर, जानिये…
कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने स्वदेश लौटने के बाद कहा, ईमानदारी से कहूं, मैं तुलना का प्रशंसक नहीं हूं, लेकिन वह (सहवाग) भारतीय क्रिकेट में महान खिलाड़ियों में से एक हैं. मैं सिर्फ क्रीज पर जाकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं और देखना चाहता हूं कि इसमें कितना अच्छा हो सकता है. यह कहने का मेरा मतलब है कि उन्होंने (सहवाग) जो किया है, अगर मैं उसका आधा भी कर लूं तो मुझे खुशी होगी.
ऑस्ट्रेलिया में उनकी तीनों पारियों के दौरान उनके बल्ले पर एक भी प्रायोजक का लोगो नहीं था, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि उन्हें कोई प्रायोजक मिल जायेगा. अग्रवाल ने चोटिल पृथ्वी शॉ की जगह ली थी. शुरुआती दो टेस्ट में विफल होने के बाद लोकेश राहुल और मुरली विजय के टीम से बाहर कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने जोश हेजलवुड, पैट कमिंस ओर मिशेल स्टार्क जैसे गेंदबाजों की कड़ी चुनौती का सामना किया.
इसे भी पढ़ें…
संजय मांजरेकर ने ‘डे-नाइट’ टेस्ट का समर्थन किया, कहा, इस फॉर्मेट से होगा दर्शकों की संख्या में इजाफा
अग्रवाल ने कहा, निश्चित रूप से, एमसीजी पर पदार्पण करना काफी विशेष था और सबसे अहम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शृंखला जीतना था। हम ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने वाली उप महाद्वीप की पहली टीम बन गये. इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी.