नयी दिल्ली : प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल का निलंबन गुरुवार को तुरंत प्रभाव से हटा दिया. इन दोनों को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के कारण निलंबित कर दिया गया था और उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से स्वदेश बुलाया गया था.
सीओए ने नये न्यायमित्र पी एस नरसिम्हा से परामर्श करने के बाद जांच लंबित रहने तक निलंबन हटाने का फैसला किया. जांच के लिये उच्चतम न्यायालय को लोकपाल नियुक्त करना है. शीर्ष अदालत ने इस मामले को पांच फरवरी को अस्थायी रूप से सूचीबद्ध किया है.
बीसीसीआई द्वारा जारी सीओए के बयान में कहा गया है, उपरोक्त फैसला न्यायमित्र पी एस नरसिम्हा की सहमति से लिया गया है. उपरोक्त को देखते हुए 11 जनवरी के निलंबन आदेशों को लोकपाल की नियुक्ति और उनके द्वारा फैसला लिये जाने तक तुरंत प्रभाव से हटा दिया गया है.
पांड्या के अब न्यूजीलैंड दौरे में टीम से जुड़ने की संभावना है, जबकि राहुल घरेलू क्रिकेट या भारत ए की तरफ से इंग्लैंड लायन्स के खिलाफ खेल सकते हैं. सीओए ने कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों को निलंबित करने का फैसला बीसीसीआई के संविधान के नियम 46 के तहत लिया गया जो कि खिलाड़ियों के व्यवहार से संबंधित है.
खिलाड़ियों पर से निलंबन हटाने के लिये बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सी के खन्ना ने पहले की थी. उनका मानना था कि जांच लंबित रहने तक निलंबन हटाया जाना चाहिए. पांड्या और राहुल ने ‘काफी विद करण’ कार्यक्रम के दौरान कई महिलाओं के साथ संबंध बनाने की बात की थी, जिसके लिये उनकी कड़ी आलोचना हुई थी.