भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड को लगातार दूसरे मैच में हराया, तीन मैचों की शृंखला पर 2-0 से कब्जा
मुंबई : सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना की 63 रन और कप्तान मिताली राज की नाबाद 47 रन की अर्धशतकीय पारी से भारतीय महिला टीम ने सोमवार को यहां इंग्लैंड को आसानी से सात विकेट से हराकर तीन मैचों की शृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल की. मेजबान टीम ने 162 रन के लक्ष्य का […]
मुंबई : सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना की 63 रन और कप्तान मिताली राज की नाबाद 47 रन की अर्धशतकीय पारी से भारतीय महिला टीम ने सोमवार को यहां इंग्लैंड को आसानी से सात विकेट से हराकर तीन मैचों की शृंखला में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल की.
मेजबान टीम ने 162 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दो बेहतरीन साझेदारियों की बदौलत 41.1 ओवर में जीत दर्ज की. मंधाना और पूनम राउत (65 गेंद में 32 रन) के बीच दूसरे विकेट के लिये 73 रन की साझेदारी ने जीत की नींव रखी जिसके बाद मंधाना और मिताली के बीच तीसरे विकेट के लिये 66 रन की भागीदारी ने जीत सुनिश्वित की.
तेज गेंदबाज शिखा पांडे और झूलन गोस्वामी के चार चार विकेट की बदौलत भारत ने इंग्लैंड को 43.3 ओवर में महज 161 रन पर समेट दिया था. लगातार इस दूसरी जीत ने मेजबान टीम को दो अहम अंक हासिल करने में मदद की जिससे आईसीसी महिला वनडे चैम्पियनशिप तालिका में उसे फायदा मिला है. भारत के अब 16 अंक हो गये हैं और वह दूसरे स्थान पर है.
भारत ने पहला मैच 66 रन रन से जीता था और दोनों टीमों के बीच तीसरा और अंतिम मुकाबला इसी स्थान पर 28 फरवरी को खेला जायेगा. भारत ने शुरू में सलामी बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिगेज (शून्य) का विकेट गंवा दिया, फिर मंधाना और उनके बाद क्रीज पर उतरी राउत जिम्मेदारी से खेलीं. मंधाना ने 74 गेंद की पारी के दौरान सात चौके और एक छक्का जमाया जबकि राउत ने अपने चिर परिचित रक्षात्मक अंदाज में खेलते हुए चार चौके लगाये.
मंधाना फार्म में थीं और इंग्लैंड की गेंदबाजों के खिलाफ बेहतरीन ड्राइव और पुल शाट खेल रही थीं. राउत जब 26 रन पर थी, उन्हें जीवनदान मिला क्योंकि नटाली साइवर ने अपनी ही गेंद पर उनका कैच छोड़ दिया. हालांकि वह इसका फायदा नहीं उठा सकीं. इसके बाद जार्जिजा एलविस की गेंद पर सारा टेलर ने उनके स्टंप उखाड़ दिये.
तब भी भारत को जीत के लिये 88 रन की दरकार थी, लेकिन कप्तान मिताली ने अपनी भूमिका बेहतरीन ढंग से निभायी और मंधाना के साथ मिलकर इंग्लैंड की जरा सी भी उम्मीद को तोड़ दिया. आन्या श्रबसोल ने हालांकि मंधाना को आउट कर दिया और भारत को जीत के लिये 22 रन की दरकार थी.
वनडे में सर्वाधिक रन जुटाने वाली मिताली ने अपनी काबिलियत दिखाते हुए इसके बाद आठ चौके जमाये. दीप्ति शर्मा अपनी कप्तान के साथ छह रन बनाकर नाबाद रहीं और मिताली ने बाउंड्री से मैच का समापन किया. इससे पहले शिखा ने 18 रन देकर चार और झूलन ने 30 रन देकर चार विकेट चटाककर अपने शानदार स्पैल से मेहमान टीम को परेशानी में डाल दिया. इन दोनों को स्पिनर पूनम यादव (28 रन देकर दो विकेट) का पूरा सहयोग मिला जिससे इंग्लैंड वानखेड़े स्टेडियम में बल्लेबाजी का फैसला करने के बाद कम स्कोर पर सिमट गया. यह 50 ओवर के प्रारूप में शिखा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
केवल नटाली साइवर ही 85 रन की पारी खेल सकीं. उन्होंने अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्का जमाया. वह आउट होने वाली अंतिम खिलाड़ी रहीं. एमी जोंस (03) शिखा का पहला शिकार बनीं. सारा टेलर (01) भी सस्ते में आउट हो गयी, उनके स्टंप झूलन ने उखाड़े. इससे टीम का स्कोर दो विकेट पर 11 रन हो गया. झूलन को हीथर नाइट (02) का विकेट भी मिला. इसके बाद साइवर और सलामी बल्लेबाज तमसिन ब्यूमोंट (20) ने पारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की और चौथे विकेट के लिये 30 रन जोड़े.
हालांकि दीप्ति शर्मा ने स्क्वायर लेग से भागते हुए बाउंड्री पर तमसिन का कैच लपकर इस भागीदारी को आगे नहीं बढ़ने दिया, जिससे टीम 44 रन पर चार विकेट गंवाकर जूझ रही थी. साइवर और लॉरेन विनफील्ड (28) ने आसानी से खेलते हुए पांचवें विकेट के लिये 49 रन की भागीदारी निभायी.
शिखा ने अपने अंतिम ओवर में दो विकेट झटक लिये जिससे मेहमान टीम का स्कोर सात विकेट पर 95 रन हो गया. इसके बाद साइवर ने एलेक्स हार्टले के साथ अंतिम विकेट के लिये 42 रन जोड़े और सुनिश्चित किया कि इंग्लैंड की टीम 150 रन के स्कोर से आगे बढ़ने में सफल रही.