टेस्ट में एक तरह की गेंद के प्रस्ताव पर भड़के गावस्कर, कहा, विदेशों में खेलना होगा मुश्किल
मुंबई : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में एक तरह की गेंद का उपयोग करने की एमसीसी की सिफारिश की गुरुवार को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अगर इसे गंभीरता से लिया जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा क्योंकि इससे विदशों में खेलने की चुनौती समाप्त हो जाएगी. खेलों के नियमों […]
मुंबई : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में एक तरह की गेंद का उपयोग करने की एमसीसी की सिफारिश की गुरुवार को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अगर इसे गंभीरता से लिया जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा क्योंकि इससे विदशों में खेलने की चुनौती समाप्त हो जाएगी.
खेलों के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की विश्व क्रिकेट समिति ने इस साल विश्व कप के बाद होने वाली पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक गेंद का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा है. गावस्कर ने ‘सो सॉरी गली क्रिकेट’ एप की शुरुआत के अवसर पर कहा, अब हम सुन रहे हैं कि वे (एमसीसी) गेंद का मानकीकरण करने की बात कर रहे हैं.
फिर तो आप पिचों का मानकीकरण कर सकते हैं , आप बल्ले का भी मानकीकरण कर सकते हैं, आप सब कुछ का मानकीकरण कर सकते हैं. क्रिकेट खेलने में सबसे बड़ी चुनौती विदेशों में खेलना और जीत दर्ज करना होता है, क्योंकि आप भिन्न परिस्थितियों में खेलते हो.
उन्होंने कहा, वह (एमसीसी) विश्व समिति भी क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया, कोलकाता के राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब या चेन्नई के मद्रास क्रिकेट क्लब की तरह है. यह काफी हद तक इन्हीं की तरह है. एमसीसी कह रहा है कि उसकी समिति की बात को आईसीसी समिति की तुलना में अधिक तवज्जो दी जानी चाहिए और दुर्भाग्य से बहुत से लोग उन्हें गंभीरता से लेते हैं.
अभी भारत में एसजी, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में ड्यूक्स तथा ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य देशों में कूकाबुरा गेंद का उपयोग किया जाता है. भारतीय कप्तान विराट कोहली और ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन सहित खिलाड़ियों ने हाल में गेंद की अपनी प्राथमिकता पर बात की थी.
उन्होंने लाल रंग की ड्यूक्स की वकालत की थी. एमसीसी ने टेस्ट क्रिकेट को रोचक बनाने के लिये नोबाल पर फ्री हिट जैसे कुछ अन्य प्रस्ताव भी रखे हैं. गावस्कर ने कहा कि घरेलू और विदेशी परिस्थितियों में खेलना टेस्ट क्रिकेट का सार है. उन्होंने कहा, मेरी निजी राय है कि क्रिकेट का मजा अलग अलग परिस्थतियों में खेलना है। देश से देश और शहर से शहर तो छोड़िये एक गली से दूसरी गली में परिस्थितियां भिन्न होती है. इसलिए मानकीकरण नहीं किया जा सकता है.
खिलाड़ियों को अच्छा और महान इसलिए आंका जाता है कि वे विदेशों में अपरिचित परिस्थितयों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं. गावस्कर ने विश्व कप में भारत की संभावना से संबंधित सवाल पर कहा, मैं इस सवाल का जवाब देना पसंद करता, लेकिन दुर्भाग्य से मैं विराट कोहली का हाथ नहीं देख सकता. मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे सकता, लेकिन मैं आशा कर रहा हूं कि भारत विश्व कप जीतेगा.