मुंबई : बीसीसीआई ने अपना रवैया नरम करते हुए सोमवार को कहा कि वह अगले छह महीने तक राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी के साथ काम करेगा.
बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारियों और प्रशासकों की समिति की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष शशांक मनोहर के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा , आईसीसी, बीसीसीआई और नाडा के बीच त्रिपक्षीय करार होगा जिसके तहत रजिस्टर्ड पूल में शामिल खिलाड़ियों के नमूने राष्ट्रीय डोप टेस्ट प्रयोगशाला में नाडा के मार्फत जायेंगे.
इससे पहले स्वीडन की आईडीटीएम नमूने एकत्र करती थी. हम अगर संतुष्ट नहीं हुए तो करार का नवीनीकरण नहीं होगा. बोर्ड ने अभी तक नाडा को अपने रूख से अवगत नहीं कराया है. नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा , मैं तभी टिप्पणी करूंगा जब कोई लिखित पुष्टि मिलेगी.
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मैंने अभी आधिकारिक सूचना नहीं दी है.’ बैठक में भविष्य के वैश्विक टूर्नामेंटों में कर छूट के संबंध में भी बात हुई और बीसीसीआई ने मनोहर को अपनी भुगतान योजना से अवगत कराया. विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी ने आईसीसी से साफ तौर पर कहा कि बीसीसीआई को नाडा के दायरे में आना होगा.
बीसीसीआई इस शर्त के साथ तैयार हो गया कि वह खुद मूत्र के नमूने एकत्र करके नाडा को देगा. अधिकारी ने कहा, हमने कहा कि नाडा के डोप नियंत्रण अधिकारियों पर हमारा भरोसा नहीं है. नाडा डीसीओ द्वारा नमूने को सही ढंग से एकत्र नहीं करने के काफी उदाहरण मिले हैं.
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हम यहां विराट कोहली और महेंद्र सिंह धौनी जैसे भारतीय खेलों के सबसे बड़े नामों की बात कर रहे हैं. हम उन पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा , हम 10 प्रतिशत नमूने ही मुहैया करायेंगे जो न्यूनतम जरूरत है. इसमें शीर्ष राष्ट्रीय क्रिकेटरों और कई प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के नमूने शामिल होंगे.