नयी दिल्ली : रवि शास्त्री विश्व कप के बाद भी भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के तौर पर जारी रहने के प्रबल दावेदार बने रहेंगे, लेकिन बीसीसीआई को कोच रखने की प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी, क्योंकि पूर्व भारतीय आलराउंडर के अनुबंध में इसे बढ़ाने की शर्त नहीं है.
अनिल कुंबले के मुख्य कोच बनने के बाद से ही बीसीसीआई ने इस अनुच्छेद को अनुबंध में शामिल नहीं किया है. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, अनिल कुंबले के समय से ही कोचों और सहयोगी स्टाफ के अनुबंधों को बढ़ाने या इसके फिर से नवीकरण का अनुच्छेद नहीं है. इसलिये अगर भारत शास्त्री की कोचिंग के अंतर्गत विश्व कप जीत जाता है तो भी उन्हें फिर से ताजा नियुक्ति प्रक्रिया से गुजरना होगा, भले ही उन्हें मौजूदा कोच के तौर पर पैनल में सीधे प्रवेश मिल जाये.
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उन्होंने कहा, शास्त्री, संजय बांगड़ (बल्लेबाजी कोच), भरत अरुण (गेंदबाजी कोच) और आर श्रीधर (क्षेत्ररक्षक कोच) के अनुबंध भारत के विश्व कप में अंतिम मैच के साथ ही समाप्त हो जायेंगे. वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरुआती विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के मैचों के लिये कुछ दिन का समय बचा है, हमें इसी दौरान प्रक्रिया पूरी करनी होगी, लेकिन सबकुछ विश्व कप के बाद ही होगा.
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अधिकारी ने यह भी संकेत दिया कि अगर टीम कम से कम सेमीफाइनल तक भी पहुंचती है तो शास्त्री की जगह किसी और को लाने की संभावना भी काफी कम होगी क्योंकि उनके मार्गदर्शन में भारत ने 71 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर टेस्ट शृंखला में हराया है और साथ ही दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में वनडे शृंखलायें जीती हैं.
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