गौतम गंभीर ने वर्ल्डकप टीम पर उठाया सवाल, रायुडू को बाहर किये जाने पर बहस की मांग की
नयी दिल्ली : भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि महज तीन असफलताओं के बाद अम्बाती रायुडू को भारत की विश्व कप टीम से बाहर किया जाना दुखद है, लेकिन ऋषभ पंत को जगह नहीं मिलने पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए क्योंकि उसने मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया. अनुभवी […]
नयी दिल्ली : भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि महज तीन असफलताओं के बाद अम्बाती रायुडू को भारत की विश्व कप टीम से बाहर किया जाना दुखद है, लेकिन ऋषभ पंत को जगह नहीं मिलने पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए क्योंकि उसने मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया.
अनुभवी दिनेश कार्तिक को पंत पर तरजीह दिये जाने की सुनील गावस्कर ने आलोचना की थी और इसे हैरानी भरा फैसला करार दिया था, लेकिन 2007 विश्व टी20 और 2011 विश्व कप फाइनल के नायक ने कहा कि रायुडू का सोमवार को घोषित टीम में जगह नहीं बना पाना सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है.
गंभीर ने मंगलवार को यहां साक्षात्कार के दौरान कहा, मुझे लगता है कि ऋषभ पंत को बाहर किये जाने पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए, पर अम्बाती रायुडू का बाहर होना चर्चा का विषय है. बिंदास गंभीर ने कहा, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सफेद गेंद के क्रिकेट में 48 के औसत वाले खिलाड़ी को जो केवल 33 वर्ष का है, उसे टीम में जगह नहीं दी गयी. चयन में किसी अन्य फैसले से ज्यादा दुखद मेरे लिये यही है.
कुछ महीने पहले रायुडू को कप्तान विराट कोहली द्वारा चौथे नंबर के लिये भारत की पहली पसंद बताया जा रहा था, लेकिन पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू शृंखला में कम स्कोर ने चयनकर्ताओं को पुनर्विचार के लिए मजबूर कर दिया. गंभीर को वेस्टइंडीज में हुए 2007 विश्व कप के लिये नहीं चुना गया था और तब वह खेल को छोड़ने पर विचार करने लगे थे.
उन्होंने कहा, मुझे उसके लिये दुख होता है क्योंकि मैं भी 2007 में इसी तरह की स्थिति में था, जब चयनकर्ताओं ने मुझे नहीं चुना था और मैं जानता हूं कि विश्व कप के लिये नहीं चुना जाना कितना मुश्किल होता है. आखिरकार हर किसी युवा खिलाड़ी के लिये यह बचपन का सपना होता है कि वह इस बड़े टूर्नामेंट का हिस्सा बने। इसलिये मुझे किसी अन्य क्रिकेटर से ज्यादा रायुडू के लिये दुख हो रहा है जिन्हें नहीं चुना गया.
वह पंत के प्रथम श्रेणी क्रिकेट के पहले कप्तान रह चुके हैं और उन्हें लगता है कि उनके नहीं चुने जाने को करारा झटका नहीं कहा जा सकता क्योंकि उसे जो मौके दिये गये, उसने उनका फायदा नहीं उठाया. गंभीर ने कहा, यह बिलकुल भी करारा झटका नहीं है। यह झटका क्यों है? वह लगातार सफेद गेंद के क्रिकेट का हिस्सा नहीं रहा है. उसे अपने मौके मिले लेकिन दुर्भाग्य से वह इनका फायदा नहीं उठा सका. इसलिये इसे झटका नहीं कहा जा सकता.
उन्होंने कहा, आपके पास अभी उम्र है, शानदार प्रदर्शन करते रहो. उसे इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए. कार्तिक के चयन पर उन्हें लगता है कि वह लगातार वनडे में दूसरे विकेटकीपर के विकल्प में रहे हैं और अनुभव के अलावा यह बात भी उनके पक्ष में गयी. उन्होंने कहा, दिनेश लंबे समय तक सफेद गेंद के क्रिकेट में विकेटकीपर रहा है.
शायद उन्हें पंत की तुलना में बेहतर विकेटकीपर के तौर पर देखा गया हो जैसा कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा. उसे भी बेहतर फिनिशर माना जाता है. शायद उन्हें यही लगता है.
गंभीर ने कहा, लेकिन अगर आप मुझसे पूछोगे तो मैंने कहा था कि मेरा दूसरा विकेटकीपर संजू सैमसन है क्योंकि मुझे लगता है कि वह अभी सर्वश्रेष्ठ में से एक है. उसमें लंबे समय से नंबर चार पर खेलने की काबिलियत है.