नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के नियमों के कथित उल्लंघन मामले की जांच कर रहा है.
मामले से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. यह मामला दो विदेशी क्रिकेट संगठनों क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) और क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) को 1,600 करोड़ रुपये के किये गये भुगतान से संबंधित है.
उन्होंने बताया कि बीसीसीआई ने बंद हो चुके चैंपियंस लीग टी20 के लिये भी अतिरिक्त भागीदारी शुल्क के तौर पर 2009 में सीए और सीएसए को 800 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. बीसीसीआई ने स्टार इंडिया द्वारा मीडिया अधिकार बीच में समाप्त करने के कारण 2,500 करोड़ रुपये के मिले मुआवजे में भी सीए और सीएसए को उनकी हिस्सेदारी के तौर पर 800 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
मीडिया अधिकार सौदा जुलाई 2015 में दस साल के लिये 97.50 करोड़ डालर का हुआ था. हालांकि, बीसीसीआई ने किसी तरह की अनियमितता से इंकार किया है. चैंपियंस लीग टी20 में बीसीसीआई की 50 प्रतिशत, सीए की 30 प्रतिशत और सीएसए की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
फेमा कानून के तहत विदेशी विनिमय के तहत पूंजी खाते में राशि भेजे जाने पर रिजर्व बैंक की मंजूरी लेनी होती है जबकि चालू खाते के तहत लेनदेन में संबंधित बैंक से ही मंजूरी मिल जाती है.
सूत्रों का कहना है कि बीसीसीआई द्वारा किया गया भुगतान पूंजी खाता श्रेणी का है. रिजर्व बैंक इसी कारण मामले की जांच कर रहा है. उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति ने भुगतान से संबंधित दस्तावेज रिजर्व बैंक को सौंप दिये हैं. यदि जांच में यह पाया गया कि फेमा का उल्लंघन हुआ है तो बीसीसीआई को लेन-देन की राशि का 300 प्रतिशत बतौर जुर्माना भरना होगा.