साउथम्पटन : जसप्रीत बुमराह दुनिया भर के बल्लेबाजों के लिए आतंक का पर्याय बने हुए हैं लेकिन भारत के इस तेज गेंदबाज का मानना है कि उन पर अपेक्षाओं का कोई दबाव नहीं है .छह कदम के सरल रनअप और असाधारण गेंदबाजी एक्शन वाले बुमराह कप्तान विराट कोहली की तरकश के सबसे ‘धारदार ‘ तीर हैं. गुजरात के रहने वाले इस पंजाबी ने कहा कि उनमें सीखने की ललक अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती है .उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अपेक्षाओं के बारे में सोचता ही नहीं हूं .
मैं बस यह देखता हूं कि टीम मुझसे क्या चाहती है . मुझे नहीं लगता कि मेरी कोई साख बन गई है और मुझे उस पर हमेशा खरा उतरना है . मैं चीजें सरल रखता हूं.’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं लगातार देखता रहता हूं कि खेल में क्या चल रहा है और इससे विविधता लाने में मदद मिलती है. सीखने में कोई बुराई नहीं है .अगर आप मुझसे कहेंगे कि यह दुनिया का सबसे परफेक्ट एक्शन है तो मैं उसकी नकल करने की कोशिश करूंगा .’ बुमराह का मानना है कि ‘टेस्ट मैच की तरह लैंग्थ’ से गेंदबाजी उनके लिए कारगर साबित हुई .
कप्तान कोहली ने इसे टेस्ट क्रिकेट में उसकी सफलता का कारण बताया . कोहली ने कहा ,‘‘ उसका मानना है कि लैंग्थ गेंद से वह बल्लेबाजों को चकमा दे सकता है .यह देखकर अच्छा लगता है कि बल्लेबाज उसे खेल ही नहीं पाते और वह उन्हें गलतियां करने पर मजबूर कर रहा है .’ उन्होंने कहा ,‘‘ ईमानदारी से कहूं तो मैने हाशिम अमला को वनडे क्रिकेट में इस तरह आउट होते नहीं देखा .’ बुमराह की इस सफलता के पीछे कड़ी मेहनत छिपी है .उसने कहा ,‘‘ पीछे से काफी मेहनत करनी पड़ती है.
मैं नयी गेंद , नयी वैरिएशन सबसे नेट पर काफी अभ्यास करता हूं . दिमाग खुला रखकर रणनीति पर अमल करना अहम है.’ कोहली ने कहा ,‘‘ उसका सामना करते समय अच्छी तकनीक और अच्छे शाट्स की जानकारी जरूरी है .यदि कहीं भी हिचक हुई तो वह भांप लेगा और फिर आपको दबाव से निकलने नहीं देखा .’ उन्होंने कहा ,‘‘ नेट्स पर उसके सामने अभ्यास करने से हमारे बल्लेबाजों को मैच के दौरान दूसरे गेंदबाजों को खेलने में मदद मिल रही है .’