आक्रामक बल्लेबाजी है धौनी की पहचान

।। रवि शास्त्री ।। (पूर्व टेस्ट क्रिकेटर, भारत) भारत के पास भी यह टेस्ट जीतने का मौका है और इंग्लैंड भी अभी मुकाबले से बाहर नहीं है. किसी टेस्ट मैच के लिए इससे बेहतर बात और क्या हो सकती है. कोई भी किसी दूसरे को खुद से आगे निकलने का मौका देने के लिए तैयार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2014 7:23 AM

।। रवि शास्त्री ।।

(पूर्व टेस्ट क्रिकेटर, भारत)

भारत के पास भी यह टेस्ट जीतने का मौका है और इंग्लैंड भी अभी मुकाबले से बाहर नहीं है. किसी टेस्ट मैच के लिए इससे बेहतर बात और क्या हो सकती है. कोई भी किसी दूसरे को खुद से आगे निकलने का मौका देने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है. हालांकि जब मैंने यह लेख लिखा, तब तक भारत की स्थिति कुछ बेहतर थी.

आपको विजय के लिए बुरा लग सकता है, क्योंकि उनकी बेहतरीन पारी तीन अंकों में तब्दील नहीं हो सकी. हालांकि यह सिर्फ आंकड़े भर हैं, क्योंकि उनकी पारी की अहमियत आपको भारतीय ड्रेसिंग रूम और विश्व क्रिकेट में पता चलेगी. इस शानदार बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने खुद को पूरी तरह संयमित रखा और मेजबान गेंदबाजों का कड़ा प्रतिरोध किया.

विजय की तरह ही महेंद्र सिंह धौनी ने भी धैर्य के साथ खेलने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. इंग्लिश गेंदबाजों ने ऑफ स्टंप के ईद-गिर्द उनके लिए जाल बुना. धौनी मिनट दर मिनट अपनी पारी आगे बढ़ाते रहे, लेकिन उनके बल्ले से रनों का निकलना बंद होता गया. धौनी की इस तरह की बल्लेबाजी न तो उनके लिए अच्छी है और न ही उनकी टीम के लिए. वह तब अपनी सर्वश्रेष्ठ लय में होते हैं, जब गेंदबाजों पर आक्र मण करते हैं या फिर कम से कम स्ट्राइक रोटेट करते हैं. क्रीज के आसपास चहलकदमी करना और अपने ही अंदाज में अपने शॉट खेलना ही उनकी ताकत और पहचान है.

तकनीकी सक्षमता की ओर जाने का उनका प्रयास उचित नहीं है. फिर भले ही वह छठे नंबर पर खेल रहे हों और एक विशेषज्ञ बल्लेबाज की भूमिका निभा रहे हों. जडेजा ने भी बल्लेबाजी की अपनी खोई लय मानो हासिल कर ली है. गेंद उनके बल्ले पर अच्छी तरह आ रही है. कुछ पुल और हवाई शॉट खेलकर उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड पर दबदबा बनाए रखा.

स्टुअर्ट बिन्नी ने इस तरह का बेतुका शॉट खेलकर अपना ही नुकसान किया. हालांकि आप उस युवा खिलाड़ी को लेकर अधिक आलोचनात्मक रवैया नहीं अपना सकते जिसने कुछ हफ्ते पहले ही आपके लिए एक टेस्ट मैच बचाया हो. मगर फिर भी जो काम उन्होंने एक बार किया है आप उनसे दोबारा वही काम करने की उम्मीद रखते हैं. अब तीसरे मैच में खेलने को लेकर वे निश्चिंत नहीं होंगे. हां अगर गेंदबाज के तौर पर उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में कुछ करिश्मा कर दिया तो बात और है.

इस पिच से अभी भी गेंदबाजों को अधिक मदद मिल रही है. नर्सरी एंड से मिलने वाला उछाल असमान है और मुझे लगता है कि यहां इशांत और जडेजा अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं. अगर कुक एक बार फिर असफल हुए और इंग्लैंड हार गया तो स्थानीय अखबार पढ़ना दिलचस्प होगा. भारत ने एक ऐसी राह पर कदम बढ़ा दिए हैं जिस पर उसे उसकी महान टेस्ट जीत मिल सकती है.

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