गौतम गंभीर ने अफरीदी को दिया करारा जवाब, कहा – ”बेटा POK अभी बाकी है”

नयी दिल्‍ली : टीम इंडिया के पूर्व आक्रामक बल्‍लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर एक बार फिर पाकिस्‍तानी क्रिकेटर से सोशल मीडिया पर भीड़ गये हैं. दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से जम्‍मू-कश्‍मीर को विशेष अधिकार देने वाला अनुच्‍छेद 370 को हटाने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व पाकिस्‍तानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2019 4:03 PM

नयी दिल्‍ली : टीम इंडिया के पूर्व आक्रामक बल्‍लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर एक बार फिर पाकिस्‍तानी क्रिकेटर से सोशल मीडिया पर भीड़ गये हैं. दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से जम्‍मू-कश्‍मीर को विशेष अधिकार देने वाला अनुच्‍छेद 370 को हटाने का फैसला किया है.

सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व पाकिस्‍तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली और इस फैसले की निंदा की. लेकिन अपने आक्रामक बल्‍लेबाजी के लिए मशहूर गौतम गंभीर ने अफरीदी को सोशल मीडिया पर करारा जवाब दिया. गौतम गंभीर ने अफरीदी को कहा कि बेटे POK अभी बाकी है.

दरअसल अफरीदी ने अनुच्‍छेद 370 खत्‍म करने के फैसले पर सोशल मीडिया पर ट्वीट किया और लिखा, कश्‍मीरियों को संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रस्‍ताव के आधार पर उनके अधिकार दिये जाने चाहिए. आजादी का अधिकार हम सब का है. संयुक्‍त राष्‍ट्र का निमार्ण क्‍यों कराया गया है और यह क्यों सो रहा है.

अफरीदी ने आगे लिखा, कश्‍मीर में जो मानवता विरोधी कार्रवाई हो रही है, अपराध हो रहे हैं, उसपर ध्‍यान दिया जाना चाहिए. अफरीदी ने आगे अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को इस मामले में हस्‍तक्षेप करने की अपील करते हुए लिखा, डोनाल्‍ड ट्रंप को इस मामले में मध्‍यस्‍थ की भूमिका निभानी चाहिए.

अफरीदी के इसी ट्वीट का गौतम गंभीर ने करारा जवाब दिया और लिखा, दोस्‍तों शाहिद अफरीदी बिल्‍कुल सही हैं. वहां पर अनुत्तेजित आक्रामकता है, वहां मानवता के खिलाफ अपराध हो रहे हैं. वह यह मामला सामने लाये, इसलिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए.

गंभीर ने आगे लिखा, बस वह एक बात लिखना भूल गये वह यह है कि यह सब पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर में हो रहे हैं. गौतम ने आगे लिखा, चिंता मत कीजिए, हम इसका भी हल निकालेंगे बेटे.

गौरतलब हो केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को सोमवार को निरस्त कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित करने का प्रस्ताव दिया.

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