सर्जरी के लिए तैयार नहीं थे रैना, मगर दर्द ने कर दिया मजबूर
एम्सटरडम : भारतीय टीम से बाहर चल रहे मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना ने कहा कि दूसरी बार घुटने का ऑपरेशन कराने का फैसला मुश्किल था क्योंकि उन्हें पता था कि इसके कारण वह कुछ महीनों के लिए क्रिकेट से दूर हो जाएंगे. बायें हाथ के बल्लेबाज रैना ने कुछ दिन पहले घुटने का ऑपरेशन […]
एम्सटरडम : भारतीय टीम से बाहर चल रहे मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना ने कहा कि दूसरी बार घुटने का ऑपरेशन कराने का फैसला मुश्किल था क्योंकि उन्हें पता था कि इसके कारण वह कुछ महीनों के लिए क्रिकेट से दूर हो जाएंगे.
बायें हाथ के बल्लेबाज रैना ने कुछ दिन पहले घुटने का ऑपरेशन कराया है. इस चोट के कारण वह पिछले सत्र से परेशान थे और इससे उबरने के लिए उन्हें कम से कम छह हफ्ते के कड़े रिलैबिलिटेशन से गुजरना होगा. इसके कारण वह महीने के अंत में शुरू होने वाले अधिकांश घरेलू सत्र से बाहर रहेंगे.
रैना ने सोशल मीडिया पर लिखा, ईमानदारी से कहूं तो दूसरी बार घुटने का ऑपरेशन कराने का फैसला कड़ा था क्योंकि मुझे पता था कि इसके कारण मैं कुछ महीनों के लिए बाहर हो जाऊंगा और कुछ हफ्ते पहले तक मैं इसके लिए तैयार नहीं था. इसके बाद दर्द बढ़ गया और मुझे पता था कि इससे बाहर निकलने का सिर्फ एक तरीका है.
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही अपने पैरों पर खड़ा हो जाऊंगा, मैदान पर उतरूंगा और जल्द ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हो जाऊंगा. भारत की ओर से 18 टेस्ट, 226 एकदिवसीय और 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले रैना ने पिछली बार लीड्स में जुलाई 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
उन्होंने कहा, यह समस्या काफी पहले शुरू हो गई थी. 2007 में मैंने पहली बार घुटने की सर्जरी कराई और बाद में मैं मैदान पर उतरा और अपना शत प्रतिशत दिया, मेरे डाक्टरों और ट्रेनरों को इसके लिए धन्यवाद.
रैना ने खुलासा किया, पिछले कुछ वर्षों से हालांकि दर्द हो रहा था. इस दर्द का मेरे खेल पर असर नहीं पड़े इसके लिए ट्रेनरों ने मेरी काफी मदद की जिससे कि मेरे घुटनों पर अधिक जोर नहीं पड़े. रैना ने साथ देने के लिए अपने डाक्टरों, परिवार और मित्रों का शुक्रिया अदा किया.