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आचरण प्रोफेसर की बीसीसीआई को सलाह, चरित्र से जुड़ी होनी चाहिए प्रोत्साहन राशि

मुंबई : गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की ‘सांस्कृतिक समीक्षा’ करने वाले डा. साइमन लोंगस्टाफ ने मंगलवार को यहां आचरण और सुशासन पर व्याख्यान दिया जिसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड से जुड़े शीर्ष अधिकारियों ने सुना. उन्होंने इस दौरान कहा कि प्रोत्साहन राशि चरित्र और सामाजिक आचरण से जुड़ी होनी चाहिए. प्रशासकों के […]

मुंबई : गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की ‘सांस्कृतिक समीक्षा’ करने वाले डा. साइमन लोंगस्टाफ ने मंगलवार को यहां आचरण और सुशासन पर व्याख्यान दिया जिसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड से जुड़े शीर्ष अधिकारियों ने सुना.

उन्होंने इस दौरान कहा कि प्रोत्साहन राशि चरित्र और सामाजिक आचरण से जुड़ी होनी चाहिए. प्रशासकों के समिति (सीओए) के अलावा राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के क्रिकेट संचालन प्रमुख राहुल द्रविड़ ने लोंगस्टाफ के व्याख्यान को सुना.

लोंगस्टाफ के मार्गदर्शन में ही ऑस्ट्रेलिया की ‘सांस्कृतिक समीक्षा’ रिपोर्ट तैयार की गई थी जिसके बाद किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करने के रवैये में बदलाव किया गया था. सीओए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) रवि थोडगे ने संवाददाताओं से कहा , प्रत्येक खेल उतार-चढ़ाव से गुजरता है.

वह (लोंगस्टाफ) कुछ बताने के लिए यहां थे, हमने उनसे बात की और उन्होंने व्याख्यान दिया, लेकिन यह भारतीय क्रिकेट से नहीं जुड़ा था, यह आम बात थी. हम यह नहीं कह रहे कि भारतीय क्रिकेट में आचरण से जुड़ा मुद्दा है. व्याख्यान में हिस्सा लेने वाले बीसीसीआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, एक अहम बात जो उन्होंने कही वह यह थी कि वित्तीय प्रोत्साहन के लिए खिलाड़ी का मैदानी प्रदर्शन सिर्फ एक मापदंड होना चाहिए.

उसे वित्तीय फायदा देते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके चरित्र के अलावा मैदान के अंदर और बाहर उसके आचरण पर भी ध्यान देना चाहिए. एक अन्य अधिकारी ने कहा, हमें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की सांस्कृतिक समीक्षा रिपोर्ट के बारे में काफी कुछ जानने को मिला.

व्याख्यान में हिस्सा ले रहे एक अधिकारी ने डा. लोंगस्टाफ से पूछा कि सिर्फ स्टीव स्मिथ, कैमरन बेनक्राफ्ट और डेविड वार्नर को ही प्रतिबंधित क्यों किया गया. अगर वे गेंद से छेड़छाड़ कर रहे थे तो फिर गेंदबाज भी तो इसका हिस्सा थे लेकिन उन्हें इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़ा.

उन्होंने कहा, इस पर डा. लोंगस्टाफ ने कहा कि यह रिपोर्ट सिर्फ उन्होंने नहीं बल्कि एक टीम ने तैयार की है. डा. लोंगस्टाफ ने कहा कि अगर आचरण और चरित्र को ध्यान में नहीं रखा जाए तो फिर किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करने के लिए खिलाड़ी किसी भी सीमा को लांघने के लिए तैयार हो जाते हैं.

145 पन्नों की सांस्कृतिक समीक्षा रिपोर्ट में इस मुद्दों को काफी महत्व दिया गया है. डा. लोंगस्टाफ के व्याख्यान में सीओए के अलावा बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी, द्रविड़, एनसीए और आईपीएल के सीओओ तूफान घोष और हेमंग अमीन सहित एनसीए की हाई परफोर्मेंस टीम ने हिस्सा लिया. इसका आयोजन बोर्ड की विधिक फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास ने किया था.

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