रांची : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राहत देते हुए 17 अक्तूबर तक उनके खिलाफ किसी भी प्रकार कार्रवाई पर रोक लगा दी.
न्यायमूर्ति ए के गुप्ता की पीठ ने उनके खिलाफ 17 अक्टूबर तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. पीठ ने सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है. उन पर 2014 के लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्र से ईवीएम लाने के दौरान हंगामा करने एवं सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है.
इस मामले में निचली अदालत ने अमिताभ चौधरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय हुए ईवीएम विवाद में पुलिस ने जांच करके निचली अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.
अमिताभ चौधरी ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए सभी मामलों को निरस्त करने का आग्रह किया. चौधरी की ओर से न्यायालय को बताया गया कि 2014 में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने 2019 में आरोप पत्र दाखिल किया है, जो अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के विपरीत है. अदालत ने इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और उनके खिलाफ फिलहाल किसी प्रकार कार्रवाई पर रोक लगा दी.
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अनगड़ा की तत्कालीन बीडीओ दीपमाला ने 17 अप्रैल 2014 को सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उसमें कहा गया था कि कुछ खराब ईवीएम को खेलगांव में रखा गया था.
जेवीएम के प्रत्याशी अमिताभ चौधरी, अमित महतो समेत कई लोग हंगामा कर रहे थे. उपायुक्त के आदेश पर जब वह (दीपमाला) वहां पहुंचीं तब उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. वाहन में रखे ईवीएम को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया.