नयी दिल्ली : भारत के कई क्रिकेटरों सहित दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने अरुण जेटली के निधन पर शोक व्यक्त किया. भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जेटली का शनिवार को एम्स में निधन हो गया. वह 66 वर्ष के थे.
जेटली के काफी करीब रहे पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट किया, पिता आपको बोलना सिखाते हैं, लेकिन पिता तुल्य व्यक्ति आपको बातचीत करना सिखाता है. पिता आपको बोलना सिखाता है लेकिन पिता तुल्य व्यक्ति आपको आगे बढ़ना सिखाता है. पिता आपको नाम देता है, लेकिन पिता तुल्य व्यक्ति आपको पहचान देता है. मेरे पिता तुल्य अरुण जेटली जी के निधन से मेरा एक हिस्सा उनके साथ चला गया.
जब जेटली डीडीसीए के अध्यक्ष थे, तब दिल्ली और आसपास के क्षेत्र से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमके. गंभीर के अलावा वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, शिखर धवन और इशांत शर्मा ऐसे कुछ खिलाड़ी हैं जिन्होंने उनके कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया.
A father teaches u to speak but a father figure teaches u to talk. A father teaches u to walk but a father figure teaches u to march on. A father gives u a name but a father figure gives u an identity. A part of me is gone with my Father Figure Shri Arun Jaitley Ji. RIP Sir.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) August 24, 2019
जेटली क्रिकेट प्रशंसक थे और बीसीसीआई के अधिकारी भारतीय क्रिकेट के संबंध में कोई भी नीतिगत फैसला लेने से पहले उनकी सलाह लेते थे. वीरेंद्र सहवाग और आकाश चोपड़ा ने भी शोक व्यक्त करते हुए कई ट्वीट किये.
But under his leadership at the DDCA, many players including me got a chance to represent India. He listened to needs of the players & was a problem solver. Personally shared a very beautiful relationship with him. My thoughts & prayers are with his family & loved ones. Om Shanti https://t.co/Kl4NpprR6W
— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 24, 2019
सहवाग ने कहा, अरुण जेटली जीत के निधन से काफी दुखी हूं. सार्वजनिक जीवन में काफी सेवा करने के अलावा उन्होंने दिल्ली के कई खिलाड़ियों के जीवन में बड़ी भूमिका निभायी और उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका प्रदान कराया. ऐसा भी समय था जब दिल्ली के इतने खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर खेलने का मौका नहीं मिलता था.उन्होंने कहा, डीडीसीए में उनके नेतृत्व में मेरे अलावा कई खिलाड़ियों को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. वह खिलाड़ियों की जरूरतों को समझते थे और उनकी समस्याओं का निदान करते थे. मेरे व्यक्तिगत रूप से उनके साथ काफी अच्छा रिश्ता था. मेरी संवेदनायें और प्रार्थना उनके परिवार और प्रियजनों के साथ. ओम शांति.
चोपड़ा ने कहा, अरुण जेटली के निधन की खबर सुनकर काफी दुख हुआ. एक विद्वान..क्रिकेट प्रेमी. हमेशा मदद के लिये तैयार. वह अंडर-19 में अच्छा कर रहे खिलाड़ियों का नाम भी याद रखते थे. सर, आपकी काफी कमी खलेगी. भगवान आपकी आत्मा को शांति दे.डीडीसीए ने ट्वीट किया, डीडीसीए अपने पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करता है. डीडीसीए और इसके सदस्य उनके असमय निधन पर शोक व्यक्त करते हैं. हम भगवान से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं.
बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना ने इसे व्यक्तिगत क्षति करार दिया. उन्होंने कहा, हमारा जुड़ाव श्रीरम कालेज आफ कामर्स में कालेज के दिनों से रहा, जहां हम एक साथ काम करे थे. वह कालेज संघ में अध्यक्ष और मैं महासचिव था. मुझे डीडीसीए और बीसीसीआई के क्रिकेट प्रशासन में भी उनके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. क्रिकेट में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा.
बंगाल क्रिकट संघ के संयुक्त सचिव अभिषेक डालमिया ने कहा, अरुण जेटली उन कुछ व्यक्तियों में से एक थे जिन्हें वास्तव में भारतीय क्रिकेट से प्यार था. वह ऐसे व्यक्ति थे जो मुश्किलों में बीसीसीआई की मदद के लिए हमेशा आगे रहते थे. उनके पिता दिवंगत जगमोहन डालमिया जब बीसीसीआई के अध्यक्ष थे, तब जेटली ने उनके साथ काम किया था.
जूनियर डालमिया ने कहा, नामी वकील होने की वजह से वह विपरीत परिस्थितियों में बोर्ड का मार्गदर्शन करते थे. बल्कि अगर वह सहमत हो जाते तो वह कई मौकों पर बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए स्पष्ट और सर्वसम्मत पसंद थे. पेशे से वकील जेटली की भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में उनकी अहम भूमिका रही.
उन्होंने वित्त और रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला और कई बार सरकार के लिए संकट मोचक भी साबित हुए. बीमारी के कारण जेटली ने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. इस साल मई में भी उन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था. गत वर्ष 14 मई को उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था. उस समय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने उनके वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था.