भावना में आकर लिया था संन्यास का फैसला, मैदान में लौटना चाहता हूं- अंबाती रायडू
हैदराबाद: विश्व कप-2019 के दौरान क्रिकेट के तीनों फार्मेट से सन्यांस लेने की अप्रत्याशित घोषणा करने वाले खब्बू बल्लेबाज अंबाती रायडू ने अब वापसी की इच्छा जताई है. अंबाती रायडू ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा कि, ‘मैं संन्यास से बाहर आना चाहता हूं और सभी प्रारूपों में खेलू्ंगा’. अंबाती रायडू ने कहा […]
हैदराबाद: विश्व कप-2019 के दौरान क्रिकेट के तीनों फार्मेट से सन्यांस लेने की अप्रत्याशित घोषणा करने वाले खब्बू बल्लेबाज अंबाती रायडू ने अब वापसी की इच्छा जताई है. अंबाती रायडू ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा कि, ‘मैं संन्यास से बाहर आना चाहता हूं और सभी प्रारूपों में खेलू्ंगा’.
Ambati Rayudu: I want to thank CSK , VVS Laxman and Noel David who have been very supportive during the tough time and are instrumental in making me realize that I have enough cricket left in me and the decision to retire was taken in an emotional state and in haste. https://t.co/catbtDtEAX
— ANI (@ANI) August 30, 2019
अंबाती रायडू ने कहा कि मैं आईपीएल की अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स, पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण और पू्र्व बॉलिंग ऑलराउंडर नोएल डेविड को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने कठिन समय में मेरा साथ दिया. रायडू ने कहा कि इन लोगों ने मुझे ये एहसास कराया कि, मेरे पास पर्याप्त क्रिकेट बचा है और संन्यास जल्दीबाजी में और भावनात्मक स्थिति में लिया गया फैसला था.
भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए थे अंबाती रायडू
बता दें कि अंबाती रायडू को विश्व कप से पहले भारतीय टीम में नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिए सबसे उपयुक्त पसंद माना जा रहा था लेकिन चयनकर्ताओं ने उनकी जगह पर ऑलराउंडर विजय शंकर को तरजीह दी थी. मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा था कि, रायडू की बजाय विजय शंकर को इसलिए चुना गया क्योंकि वो थ्री डाइमेंशनल खिलाड़ी हैं और बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फिल्डिंग तीनों कर सकते हैं. इस दौरान अंबाती रायडू का थ्रीडी चश्मे वाला बयान काफी चर्चा में रहा था.
नहीं चुने जाने पर पूर्व क्रिकेटरों ने उठाए थे ये सवाल
गौतम गंभीर समेत कई पूर्व क्रिकेटरों ने चयनकर्ताओं के फैसले पर सवाल उठाया था. पू्र्व क्रिकेटरों का कहना था कि जब पिछले कई सालों से अंबाती रायडू को चौथे नंबर के बल्लेबाज के तौर पर तैयार किया जा रहा था और कुछ मौकों को छोड़कर उनके प्रदर्शन में निरंतरता थी तो फिर उन्हें नहीं चुनने का क्या मतलब है. हालांकि, चयनकर्ताओं ने अंबाती रायडू को ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल के साथ स्टैंडबाई मेें रखा. यानी कि, अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो इन्हें खिलाया जाएगा. लेकिन यहां भी रायडू को भाग्य ने साथ नहीं दिया.
चोटिल खिलाड़ियों की जगह भी नहीं मिला था मौका
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन चोटिल हो गए. ऋषभ पंत को बुला लिया गया और उन्होंने चार नंबर पर बल्लेबाजी की. इसके बाद रायडू की जगह टीम में चुने गए विजय शंकर भी चोटिल हो गए. रायडू को उम्मीद रही होगी कि शायद अब उन्हें टीम प्रबंधन की तरफ से बुलावा आएगा लेकिन उन्हें फिर निराश होना पड़ा. प्रबंधन ने तब तक एक भी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला नहीं खेलने वाले मंयक अग्रवाल पर भरोसा जताया. इस फैसले के बाद टीम प्रबंधन से नाराज चल रहे रायडू ने सन्यांस का एलान कर दिया.
रायडू के संन्यास को अधिकांश लोगों ने भावना में लिया गया फैसला बताया जो कि स्वाभाविक ही था. हालांकि कई लोगों ने उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था. पू्र्व विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने तो रायडू के संन्यास के लिए पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को जिम्मेदार ठहराया था.
तीनों फॉर्मेट्स में वापसी की ईच्छा जताई रायडू ने
बीते कुछ समय से चर्चा थी कि रायडू अपने संन्यास के फैसले को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. अब रायडू ने औपचारिक तौर पर कह दिया है कि संन्यास का उनका फैसला भावावेश में लिया गया था और अब वे वापसी करना चाहते हैं क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में. बता दें कि अंबाती रायडू घरेलु क्रिकेट में आंध्र-प्रदेश की तरफ से खेलते हैं. इंडियन प्रीमियर लीग में वे एमएस धोनी की कप्तानी वाली सीएसके की टीम का हिस्सा हैं.
भारतीय क्रिकेट का हिस्सा बनने का उन्हेंं मौका मिला लेकिन वो निरंतरता नहीं जिसकी किसी क्रिकेट को जरूरत होती हैं. लेकिन अब उन्होंने वापसी का फैसला किया है तो उम्मीद है कि वे जल्द नीली मैदान पर बल्ला भांजते नजर आएंगे.