नयी दिल्ली : कपिल देव ने आचरण अधिकारी डी के जैन द्वारा हितों के टकराव का नोटिस मिलने के बाद तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से त्यागपत्र दे दिया. वैसे इस पूर्व भारतीय कप्तान को ‘अस्तित्वहीन समिति’ के लिये लिखित में इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी.
प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने स्पष्ट किया कि उनके हिसाब से सीएसी ने हितों के टकराव के दायरे में नहीं आते हैं और उन्हें केवल मुख्य कोच के चयन के लिये नियुक्त किया था. इस समिति में कपिल देव, महिला टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी और अंशुमन गायकवाड़ शामिल हैं.
जैन ने मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर इन तीनों को नोटिस जारी किये हैं. उन्होंने शिकायत की थी कि खिलाड़ियों के संघ के निदेशक होने के बावजूद वे सीएसी का हिस्सा हैं. रंगास्वामी पहले ही समिति से इस्तीफा दे चुकी हैं और तीसरे सदस्य गायकवाड़ ने कहा कि अगर समिति अस्तित्व में है तो वह भी त्यागपत्र देने के लिये तैयार हैं;
इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने बुधवार को पीटीआई से कहा, जहां तक मेरा सवाल है तो हमारी तदर्थ समिति केवल एक खास दिन के लिये नियुक्त की गयी थी जहां हमने मुख्य कोच का चयन करना था.
मुझे लगता है कि अब यह अस्तित्वहीन है और अगर यह अब भी अस्तित्व में हे तो फिर मैं टकराव का सवाल उठने पर त्यागपत्र देने के लिये तैयार हूं. राय ने इससे पहले कहा था कि सीएसी अब अस्तित्व में नहीं है और यह एक बार के लिये चुनी गयी समिति थी.