मुंबई : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली बीसीसीआई के नये अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावना नजर आ रही है. वहीं गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बोर्ड के नये सचिव के पद पर काबिज हो सकते हैं. जानकारी के अनुसार जय शाह सहित संयुक्त सचिव, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा सोमवार की जा सकती है.
आपको बता दें कि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर यानी आज है लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव नहीं होगा क्योंकि अब तक किसी उम्मीदवार के विरोध में किसी अन्य उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है. बीसीसीआई के बोर्ड के पांच सदस्यों के चुनाव की तारीख 23 अक्तूबर को तय की गयी है.
बताया जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए नामित होने तक सौरभ गांगुली के लिए राहें आसान नहीं थीं. रविवार को मुंबई के एक पांच सितारा होटल में दुनिया की सबसे धनी क्रिकेट संस्था के ‘बॉस’ चुनने को लेकर बैठक घंटों चली. यहां दो गुट नजर आ रहे थे. पहला गुट पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर का जबकि दूसरा एन श्रीनिवास का… खूब राजनीति चली…
एक ओर अध्यक्ष पद के लिए श्रीनिवासन के समर्थन प्राप्त पूर्व क्रिकेटर बृजेश पटेल थे, वहीं दूसरी तरफ भारतीय क्रिकेट में ‘दादागीरी’ दिखा चुके मशहूर गांगुली. सीओए के खिलाफ देश की तमाम क्रिकेट संस्थाएं एकजुट हो चुकी थी और यह बैठक चल रही थी. इस शह और मात के खेल में गांगुली भारी पड़े और अंत में उनके नाम पर मुहर लगी. गांगुली अपने प्रतिस्पर्धी बृजेश पर भारी पड़े.
खबरों की मानें तो गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई के सचिव जबकि अनुगार ठाकुर के भाई अरुण सिंह ठाकुर कोषाध्यक्ष के पद पर काबिज हो सकते हैं. ऐसी खबरें मीडिया में चल रहीं हैं कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और बृजेश पटेल के नाम की चर्चा की थी. इधर, गांगुली भी पीछे कहां रहने वाले थे. उन्होंने शाह से मुलाकात कर बीसीसीआई प्रमुख बनने को लेकर अपनी इच्छा जतायी थी. खबरें तो यह भी है कि गांगुली को अनुराग ठाकुर का भी समर्थन प्राप्त था जिसके कारण वे रेस में सबसे आगे निकल गये.
यहां आपको बताते चलें कि बतौर अध्यक्ष गांगुली का कार्यकाल 10 महीने का होगा. वर्तमान में गांगुली बंगाल क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष हैं. क्रिकेट प्रशासन की बात करें तो इसका गांगुली के पास अच्छा अनुभव है.