कोहली की कप्तानी में भारत ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड, अजहरुद्दीन रह गये पीछे

रांची : देश के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन चुके विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने तीसरी बाद तीन टेस्ट मैचों की शृंखला में क्लीन स्वीप करके नया रिकार्ड बनाया. भारत ने दक्षिण अफ्रीका को मंगलवार को यहां तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में पारी और 222 रन से हराकर 3-0 से शृंखला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2019 9:25 PM

रांची : देश के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन चुके विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने तीसरी बाद तीन टेस्ट मैचों की शृंखला में क्लीन स्वीप करके नया रिकार्ड बनाया.

भारत ने दक्षिण अफ्रीका को मंगलवार को यहां तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में पारी और 222 रन से हराकर 3-0 से शृंखला जीती. कोहली की कप्तानी में भारत तीसरी बार तीन मैचों की शृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप करने में सफल रहा जो कि नया रिकार्ड है.

कोहली ने मोहम्मद अजहरुद्दीन को पीछे छोड़ा जिनकी अगुवाई में भारत ने दो बार तीन मैचों की शृंखला में क्लीन स्वीप किया था. भारतीय टेस्ट इतिहास में यह केवल छठा अवसर है जबकि भारतीय टीम ने तीन या इससे अधिक टेस्ट मैचों की शृंखला के सभी मैच जीते.

कोहली की कप्तानी में भारत ने 2016 में न्यूजीलैंड को 3-0 से हराने के बाद श्रीलंका को उसकी धरती पर इसी अंतर से हराया था. अजहरुद्दीन की अगुवाई वाली टीम ने 1993 में इंग्लैंड और 1994 में श्रीलंका को घरेलू पिचों पर 3-0 से हराया था. महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई वाली टीम ने 2013 में घरेलू शृंखला में ऑस्ट्रेलिया का 4-0 से सूपड़ा साफ किया था. यह पहला अवसर है जबकि भारत ने दक्षिण अफ्रीका का सूपड़ा साफ किया.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोहली के नेतृत्व में भारत ने दस टेस्ट मैचों में सातवीं जीत दर्ज की. अन्य कप्तानों की अगुवाई में भारत ने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 29 टेस्ट मैचों में सात में जीत दर्ज की है. रांची टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका की टीम 162 और 133 रन पर आउट हो गयी और इस तरह से किसी भी पारी में रोहित शर्मा की पहली पारी की रनसंख्या (212) तक नहीं पहुंच पायी.

रोहित इस तरह से पांचवें भारतीय बल्लेबाज बन गये हैं जिनकी रनसंख्या को विरोधी टीम दोनों पारियों में नहीं छू पायी. उनसे पहले वीनू मांकड़ (231) ने 1956 में न्यूजीलैंड (209 और 219) के खिलाफ चेन्नई में, राहुल द्रविड़ ((270) ने 2004 में पाकिस्तान (224 और 245) के खिलाफ रावलपिंडी में, सचिन तेंदुलकर (248) ने 2004 में बांग्लादेश (184 और 202) के खिलाफ ढाका में और कोहली (243) ने 2017 में श्रीलंका के खिलाफ (205 और 166) के खिलाफ नागपुर में यह उपलब्धि हासिल की थी.

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