चयनकर्ताओं का कार्यकाल अभी बाकी, लेकिन फैसला गांगुली के हाथ में

नयी दिल्ली : बीसीसीआई के नये संविधान के अनुसार एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयनसमिति का कार्यकाल अभी बचा हुआ है, लेकिन बोर्ड के नये अध्यक्ष सौरव गांगुली फैसला करेंगे कि क्या पैनल को पांच साल का कार्यकाल पूरा करना चाहिए या नहीं. पुराने संविधान के अनुसार चयनकर्ताओं का कार्यकाल चार साल था, लेकिन अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2019 10:20 PM

नयी दिल्ली : बीसीसीआई के नये संविधान के अनुसार एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयनसमिति का कार्यकाल अभी बचा हुआ है, लेकिन बोर्ड के नये अध्यक्ष सौरव गांगुली फैसला करेंगे कि क्या पैनल को पांच साल का कार्यकाल पूरा करना चाहिए या नहीं.

पुराने संविधान के अनुसार चयनकर्ताओं का कार्यकाल चार साल था, लेकिन अब प्रभावी हो चुके संशोधित संविधान में अधिकतम पांच साल के कार्यकाल का प्रावधान है. नये संविधान के अनुच्छेद 26(3) में लिखा है, किसी भी व्यक्ति जो किसी क्रिकेट समिति का कुल पांच वर्ष तक सदस्य रहा हो वह किसी अन्य क्रिकेट समिति का सदस्य बनने के योग्य नहीं होगा.

प्रसाद (दक्षिण क्षेत्र) और गगन खोड़ा (मध्य क्षेत्र) को 2015 में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में नियुक्त किया गया था और नये संविधान के अनुसार उनका कार्यकाल सितंबर 2020 में समाप्त होगा. अन्य चयनकर्ताओं में जतिन परांजपे (पूर्व क्षेत्र), सरनदीप सिंह (उत्तर क्षेत्र) और देवांग गांधी (पूर्व क्षेत्र) ने 2016 में शुरुआत की थी और उनका दो साल का कार्यकाल बचा हुआ है.

गांगुली की चयनकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान इस मामले पर चर्चा होने की संभावना है. चयनकर्ताओं के अनुबंध में एक उपबंध है जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक एजीएम में उनके अनुबंध का नवीनीकरण करने की जरूरत होगी. प्रशासकों की समिति के बोर्ड का संचालन करने के कारण 2017 और 2018 में कोई एजीएम नहीं हुई थी और इस तरह से पैनल बना रहा.

गांगुली ने संकेत दिये हैं कि प्रसाद और खोड़ा की जगह नये सदस्य रखे जाएंगे जबकि परांजपे, गांधी और सरनदीप का एक साल बचा हुआ है. माना जा रहा है कि गांगुली का बयान पुराने संविधान पर आधार था जिसमें चार साल के कार्यकाल (आखिरी वर्ष कार्यकाल बढ़ाये जाने पर निर्भर) था.

बीसीसीआई के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, अध्यक्ष तीन को रख सकता है और दो की जगह नये सदस्य रख सकता और यहां तक कि आमूलचूल बदलाव करके क्रिकेट सलाहकार समिति को पांच नये सदस्य रखने के लिये कह सकता है.

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