नयी दिल्ली : विकेट के पीछे लचर प्रदर्शन और डीआरएस के मामले में कई बार नाकाम रहे भारतीय खिलाड़ी ऋषभ पंत आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने उनका बचाव करते हुए कहा कि महेन्द्र सिंह धौनी का जगह लेने के बारे में सोचना भी बहुत बड़ी बात है.
खराब विकेटकीपिंग के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट शृंखला में पंत अंतिम एकादश में जगह बनाने में सफल नहीं रहे और उनकी जगह चोट से वापसी करने वाले ऋद्धिमान साहा ने ली.
पंत इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी 20 में विकेट कुछ खास कमाल नहीं कर सके. उनका डीआरएस भी टीम के खिलाफ गया जिसने मुशफिकुर रहीम को मैच जीताऊ नाबाद अर्धशतकीय पारी खेलने का मौका दे दिया.
टूरिज्म वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के कार्यक्रम में पहुंचे गिलक्रिस्ट से जब धौनी की जगह लेने वाले पंत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं भारतीय प्रशंसकों और पत्रकारों को सुझाव देना चाहुंगा कि महेन्द्र सिंह धौनी से किसी की तुलना करने के बारे में भी ना सोचे क्योंकि आप जितना अधिक ऐसा करेंगे दूसरा खिलाड़ी उतने ही दबाव में आयेगा.
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने इस मामले में अपना अनुभव साझा करते हुए कहा , यहां मैं अपना निजी अनुभव भी साझा कर सकता हूं, क्योंकि मैं टीम में महान विकेटकीपरों में शुमार इयान हीली की जगह आया था. वह ऐसी टीम के विकेटकीपर थे जो लंबे समय तक क्रिकेट में शीर्ष पर थी. मैंने हालांकि कभी हीली बनने की कोशिश नहीं की , हां मैं उनसे सीखता जरूर था, लेकिन मैदान में अपने तरीके के ही अपनाता था.
ऋषभ को भी मेरी यही सलाह होगी कि वह धौनी से सीख जरूर ले, लेकिन धौनी बनने की कोशिश ना करें ऋषभ ही रहे. गिलक्रिस्ट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर पंत की बल्लेबाजी ने उन्हें प्रभावित किया था. उन्होंने कहा, मैंने ऑस्ट्रेलिया में उनकी बल्लेबाजी देखी है. वह अच्छा खिलाड़ी है. मेरी सलाह यही होगी कि कड़ी से कड़ी मेहनत करें लेकिन धोनी बनने की जगह ऋषभ ही रहे.
भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में दिन-रात्रि का टेस्ट मैच खेलेगी और गिलक्रिस्ट को उम्मीद है कि अगले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर यह टीम दिन-रात्रि टेस्ट मैच खेलने को तैयार होगी. गिलक्रिस्ट ने कहा, जहां तक मुझे पता है अगले साल टी20 विश्व कप के बाद भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट और एकदिवसीय शृंखला खेलनी है और ऐसे मुझे उम्मीद है कि वे इस दौरे पर कम से कम एक दिन-रात्रि टेस्ट खेलेंगे.
उन्होंने कहा, जब दिन-रात्रि टेस्ट खेलने की बात शुरू हुई थी तब मैं इसे लेकर थोड़े संकोच में था लेकिन अब मेरे विचार बदल गये है. इसका सबसे साकारात्मक पहलू यह है कि इससे टेस्ट क्रिकेट को ज्यादा प्रासंगिक बनाता है. अब इतने सारे दिन-रात्रि एकदिवसीय और टी20 खेलकर खिलाड़ी भी इसके अभ्यस्त हो गये हैं.
गिलक्रिस्ट ने कहा कि भारत में हालांकि यह देखना और भी दिलचस्प होगा क्योंकि ओस के कारण शायद स्पिनरों को ज्यादा मदद ना मिले. उन्होंने कहा, भारत में इसमें कुछ समस्या आ सकती है क्योंकि यहां शाम में काफी ओस होती है ऐसे में शृंखला और मैदान का चयन काफी अहम हो जाता है. इसमें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन अगर लोग जोखिम लेने को तैयार है तो यह सफल होगा.
क्रिकेट में बदलाव होता रहा है और कभी ऐसा भी समय था जब खिलाड़ी बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खेलते थे, लेकिन फिर वे ऐसे उपकरणों के अभ्यस्त हो गये. टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है और इसे प्रासंगिक बनाने के लिए जो भी संभव हो वह करना चाहिये.