मुंबई: पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी बीते तीन महीने से क्रिकेट से दूर हैं. उन्होंने अपना आखिरी प्रतियोगी क्रिकेट विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. लगातार इस बात पर चर्चा हो रही है कि आखिर धोनी का भविष्य क्या होगा? अब धोनी ने खुद इस पर बड़ा बयान दिया है. धोनी ने कहा कि उनसे उनके भविष्य के बारे में जनवरी तक कोई सवाल ना पूछा जाए. दरअसल, मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान किसी ने धोनी से उनकी टीम इंडिया में वापसी को लेकर सवाल पूछ लिया. इसके जवाब में दोनी ने तपाक से कहा कि, ‘जनवरी तक कोई नहीं पूछेगा’.
Don't ask till January, says Dhoni on his comeback
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— ANI Digital (@ani_digital) November 28, 2019
बताया उनका सबसे यादगार लम्हा कौन सा है
इस कार्यक्रम में धोनी से ये भी पूछा गया कि वो अपने क्रिकेटिंग करियर का सबसे यादगार लम्हां किसे मानते हैं. धोनी ने दो ऐसे इंसीडेंट का जिक्र किया जो कि उनके दिल के सबसे ज्यादा करीब है. धोनी ने बताया कि ‘उनके करियर का पहला सबसे खूबसूरत लम्हां 2007 टी ट्वेंटी विश्व कप में जीत थी’. उन्होंने कहा कि ‘टी-ट्वेंटी विश्व कप जीतकर जब हम वापस लौटे तो हमारा जोरदार स्वागत किया गया. मुझे याद है कि हम एक खुली बस में सवार थे और बस मुंबई के मरीन ड्राइव के पास से गुजर रही थी. चारों तरफ प्रशंसकों की विशाल भीड़ थी और हम देख सकते थे कि उन सभी चेहरों में एक मुस्कान थी’.
एमएस धोनी ने 2011 विश्व कप के एक इंसीडेंट को भी अपने क्रिकेटिंग करियर का दूसरा सबसे यादगार लम्हां करार दिया. धोनी ने बताया कि ‘मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 2011 विश्व कप का फाइनल चल रहा था. जब जीत के लिए केवल 15-20 रन बाकी रह गए थे तभी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने वंदे मातरम् गाना शुरू कर दिया’. उन्होंने कहा कि ‘इन दो लम्हों की व्याख्या करना बहुत मुश्किल काम है. ये मेरे दिल के सबसे ज्यादा करीब है’.
धीमी बल्लेबाजी के लिए हुई है आलोचना
बता दें कि 38 वर्षीय पूर्व कप्तान फिलहाल क्रिकेट से दूर अपने परिवार और व्यावसायिक क्रियाकलापों को एंजॉय कर रहे हैं. उन्होंने अपना आखिरी प्रतियोगी मैच विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. वो विश्व कप का सेमीफाइनल मैच था जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच में एमएस धोनी ने 70 गेंदों में 50 रन बनाए थे. धोनी को तब धीमी बल्लेबाज के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था.
बीते कुछ महीनों में फिनिशर के तौर पर पहचाने वाले धोनी को धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. विश्व कप के दौरान इंग्लैड और न्यूजीलैंड के खिलाफ धीमी बल्लेबाजी के लिए धोनी की काफी आलोचना हुई थी.