मुंबई : भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल ने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय टीम में जगह पक्की नहीं होने पर चैन से रहना मुश्किल है, लेकिन कहा कि उन्होंने टीम में जगह की परवाह किये बिना अपनी बल्लेबाजी से खुश होना सीख लिया है.
वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टी20 मैच में 91 रन बनाने वाले राहुल को शिखर धवन के चोटिल होने के कारण टीम में चुना गया. राहुल ने पत्रकारों से कहा, मैं यह नहीं कहूंगा कि दबाव नहीं था.
टीम से भीतर बाहर होना किसी भी खिलाड़ी के लिये आसान नहीं होता. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और विरोधी टीम के दबाव को झेलने की आदत डालने में समय लगता है. ऐसी कोई भी टीम नहीं है जिसके खिलाफ आप आसानी से रन बना सकें.
उन्होंने कहा , आप सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं. मेरे वश में यही है कि मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सकूं. मैं उस मुकाम पर नहीं हूं कि अगले टूर्नामेंट में टीम में अपनी जगह को लेकर सोचता रहूं. राहुल ने कहा , मैं मौका मिलने पर टीम के लिये मैच जीतना चाहता हूं और अपनी बल्लेबाजी का पूरा लुत्फ उठाना चाहता हूं. मुझे इसमें सबसे ज्यादा खुशी मिलती है.
उन्होंने कहा, किसी भी खिलाड़ी के लिये लय में बने रहना अहम है. आप कितना भी अभ्यास करें, लेकिन मैदान के भीतर हालात अलग होते हैं. इसके लिये लगातार क्रिकेट खेलते रहना जरूरी है. इससे लय बनाये रखने में मदद मिलती है.