इशांत की सफलता के पीछे गिलेस्‍पी का हाथ, कहा – सबने समस्‍या गिनायी, जेसन ने हल बताया

नयी दिल्ली : इशांत शर्मा को कईयों ने उनकी समस्याओं के बारे में बताया, लेकिन सिर्फ जेसन गिलेस्पी ही थे जिन्होंने उन्हें इसका हल दिलाया जिसे वह लंबे समय से ढूंढ रहे थे. इशांत को यह भी लगता है कि विराट कोहली की कप्तानी में उनके, मोहम्मद शमी और उमेश यादव के बीच ‘बेहतर संवाद’ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2019 6:52 PM

नयी दिल्ली : इशांत शर्मा को कईयों ने उनकी समस्याओं के बारे में बताया, लेकिन सिर्फ जेसन गिलेस्पी ही थे जिन्होंने उन्हें इसका हल दिलाया जिसे वह लंबे समय से ढूंढ रहे थे.

इशांत को यह भी लगता है कि विराट कोहली की कप्तानी में उनके, मोहम्मद शमी और उमेश यादव के बीच ‘बेहतर संवाद’ के साथ-साथ अपार अनुभव ने देश के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिये शानदार काम किया.

इशांत ने हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मुकाबले के बाद फिरोज शाह कोटला पर कहा, भारत में समस्या यह है कि हर कोई आपको समस्या के बारे में बता देगा, लेकिन कोई भी आपको हल नहीं बतायेगा. अब हल जानना सबसे अहम पहलू है.

भारत के लिये 96 टेस्ट और 292 विकेट हासिल करने वाले इस अनुभवी ने कहा, मैंने महसूस किया कि शायद एक या दो लोगों ने ही निदान मुहैया कराने पर काम किया. समस्या के बारे में हर कोई आपको बता देगा, लेकिन जो अच्छा कोच है, वो आपको हल के बारे में भी बता देगा.

तो उनकी समस्या क्या थी? ससेक्स में गिलेस्पी की कोचिंग में खेलने वाले इशांत ने कहा, कई लोगों ने मुझे कहा कि मुझे फुल लैंग्थ गेंदों में अपनी रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन किसी ने भी यह नहीं बताया कि क्या किया जाये? लेकिन जब मैं काउंटी क्रिकेट खेलने गया तो जेसन गिलेस्पी ने मुझे हल बताया.

उन्होंने कहा, गिलेस्पी ने मुझे कहा कि फुल लैंग्थ गेंदों में रफ्तार बढ़ाने के अलावा आपको गेंद बस छोड़नी नहीं है, बल्कि निशाने पर हिट करनी है कि यह घुटने तक पहुंचनी चाहिए. वह महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में भी काफी टेस्ट मैच खेले हैं और उस समय छह या सात तेज गेंदबाज होते थे जिन्हें रोटेट किया जाता था, जबकि उसकी तुलना में अब तीन या चार ही हैं.

उन्होंने कहा, देखिये धौनी के समय में हममें से कुछ के पास उतना अनुभव नहीं था. साथ ही तेज गेंदबाजों को काफी रोटेट किया जाता था, यही कारण है कि एक ग्रुप के रूप में निरंतरता हासिल नहीं की जा सकी. इशांत ने कहा, अगर आप जानते हो कि आपका तीन-चार तेज गेंदबाजों (अब जसप्रीत बुमराह के साथ) का पूल है तो इससे संवाद बढ़ जाता है. पहले छह से सात गेंदबाज होते थे तो इतनी बातचीत नहीं होती थी.

उन्होंने कहा, लेकिन विराट के आने के बाद हमें काफी अनुभव मिला है और इससे मदद मिली है. अब जब आप ज्यादा खेलते हो, ड्रेसिंग रूम में ज्यादा रहते हो, परिवार की तुलना में टीम के साथ ज्यादा समय बिताते हो तो चर्चायें भी खुली होती हैं. आप जब क्रीज पर जाते तो आप ज्यादा लुत्फ उठाना शुरू कर देते हो. यह अलग अहसास है.

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