मुंबई : कर्नाटक ने हरफनमौला प्रदर्शन के दम पर रविवार को यहां एलीट ग्रुप बी रणजी ट्रॉफी मैच में मुंबई को ढाई दिन के अंदर पांच विकेट से करारी शिकस्त दी. यह मुंबई की घरेलू मैदान पर लगातार दूसरी हार है.
इससे पहले उसे रेलवे के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. यह कर्नाटक की मुंबई के खिलाफ 2013-14 सत्र से चौथी जीत है. जीत के लिये 126 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी कर्नाटक के लिये सलामी बल्लेबाज आर समर्थ (34 रन, दो चौके) और देवदत्त पड्डीकल (50 रन, पांच चौके, दो छक्के) ने मजबूत शुरुआत करायी.
लंच तक टीम का स्कोर बिना विकेट गंवाये 77 रन था, लेकिन लंच के बाद शंशाक अतार्डे (52 रन देकर चार विकेट) ने दो विकेट झटककर मेहमानों को झटके दिये. उन्होंने पहले पड्डीकल को और फिर अभिषेक रेड्डी (04) को आउट किया जिससे कर्नाटक का स्कोर दो विकेट पर 84 रन हो गया.
शम्स मुलानी ने समर्थ का विकेट लेकर इसे 91 रन पर तीन विकेट कर दिया. पदार्पण कर रहे रोहन कदम (21) और कप्तान करुण नायर (10) टीम को जीत के करीब ले गये. लेकिन अतार्डे ने कदम का विकेट ले लिया. अब टीम को जीत के लिये आठ रन की जरूरत थी.
इसी ओवर में अतार्डे ने नायर को पवेलियन भेजा. इसके बाद श्रेयस गोपाल (नाबाद 05 रन) और बी आर शरत (नाबाद 04 रन) टीम को जीत तक ले गये. इससे पहले मुंबई ने पांच विकेट पर 109 रन से खेलना शुरू किया.
अतार्डे (10 रन) सरफराज खान (नाबाद 71 रन) के साथ क्रीज पर उतरे, दोनों ने छठे विकेट के लिये 25 रन जोड़े. सरफराज जिम्मेदारी से खेल रहे थे, लेकिन उन्हें दूसरे छोर पर साथ नहीं मिला. बायें हाथ के तेज गेंदबाज प्रतीक जैन (11 रन देकर चार विकेट) ने सुबह के सत्र के सभी विकेट झटके.
अतार्डे का विकेट गिरते ही स्कोर छह विकेट पर 134 रन हो गया और फिर मुंबई की पारी नौ विकेट पर 149 रन पर समाप्त हो गयी. पहले ही घोषणा हो गयी थी कि पृथ्वी शॉ दूसरी पारी में बल्लेबाजी नहीं करेंगे क्योंकि कंधे की चोट के कारण वह शनिवार को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के लिये रवाना हो गये थे.
कर्नाटक ने मुंबई को पहली पारी में 194 रन पर समेटकर पहली पारी के आधार पर 24 रन की बढ़त हासिल की थी. इस जीत से कर्नाटक को छह अंक मिले. 41 बार की घरेलू चैम्पियन मुंबई का सामना अब 11 जनवरी से चेन्नई में तमिलनाडु के खिलाफ होगा.
वहीं वड़ोदरा में बड़ौदा ने रेलवे को 99 रन से पराजित कर छह अंक अपनी झोली में डाले. बड़ौदा ने पहली पारी में 201 और दूसरी पारी में 98 रन बनाये. उसने रेलवे को जीत के लिये 201 रन का लक्ष्य दिया, लेकिन पहली पारी में 99 रन पर सिमटने वाली रेलवे की टीम दूसरी पारी में महज 101 रन ही बना सकी.