नयी दिल्ली: आज पूर्व भारतीय बल्लेबाज और कप्तान राहुल द्रविड़ का जन्मदिन है. वे आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं. क्रिकेट जगत में द वॉल के नाम से लोकप्रिय राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में कई बेजोड़ पारियां खेलीं और शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किए. मौजूदा समय में राहुल द्रविड़ नेशनल क्रिकेट एकेडमी यानी एनसीए के प्रमुख हैं. वहां उनके नेतृत्व में युवा खिलाड़ियों को भविष्य के लिए तराशने का काम हो रहा है. उनके जन्मदिन के मौके पर आईए जानते हैं, राहुल द्रविड़ द्वारा खेली गयी कुछ यादगार पारियों के बारे में.
द्रविड़ की पारियां जो आज भी यादगार हैं
साल 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डेन में खेली गयी 180रनों की नाबाद पारी उनकी सबसे बेहतरीन और यादगार पारियों में से एक है. ऑस्ट्रेलिया की टीम इस टेस्ट मैच में काफी मजबूत स्थिति में थी. पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 445 का स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब में भारतीय टीम केवल 171 रनों पर सिमट गयी. ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को फॉलोआन खेेलने के लिए मजबूर किया. पारी की शुरूआत करने वाले दोनों सलामी बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन लौट गए.
इसके बाद वैरी-वैरी स्पेशल यानी वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने पारी को ना केवल संभाला बल्कि भारत को मजबूत स्थिति में भी पहुंचा दिया. राहुल द्रविड़ ने इस मैच में नाबाद 180 रन बनाए और टीम को जीत दिलाई.
राहुल द्रविड़ की दूसरी यादगार पारी थी साल 2004 में रावलपिंडी में खेली गयी 270 रन की पारी. तीन मैचों की टेस्ट सीरिज में. इस सीरिज में नियमित कप्तान सौरव गांगुली की गैरमौजूदगी में राहुल द्रविड़ ने पहले दो मैचों में कप्तानी भी की थी. पहले दो मैचों में राहुल द्रविड़ फॉर्म ने नहीं थे. हालांकि आखिरी मैच में 270 रनों की पारी खेल कर राहुल द्रविड़ ने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया. इस पारी के लिए द्रविड़ को मैन ऑफ दी मैच से नवाजा गया.
जिस पारी का कभी द्रविड़ को क्रेडिट नहीं मिला
द्रविड़ की एक और पारी काफी खास है लेकिन उसकी उतनी चर्चा कभी नहीं हुई जितनी की होनी चाहिए थी. वो थी 2001 में द ओवल क्रिकेट स्टेडियम में खेली गयी 146 रनों की पारी. इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरिज में भारतीय टीम पहला तीन मैच हार गयी.चौथे मैच में तात्कालीन सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर चोटिल हो गए. इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए. ऐसे वक्त में द्रविड़ की एकमात्र बल्लेबाज थे जिन्होंने पिच पर खूंटा गाड़ दिया और 146 रनों की पारी खेली
राहुल द्रविड़ ने एकदिवसीय फॉर्मेट में भी टीम के लिए काफी योगदान दिया. एक विशेषज्ञ बल्लेबाज होते हुए भी उन्होंने विकेटकीपर की भी जिम्मेदारी संभाली ताकि टीम मैनेजमेंट एक अतिरिक्त बॉलर के साथ खेल सके. वो एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होने दो बार अपने साथी बल्लेबाज के साथ 300 रनों की साझेदारी की.
जानिए कैसा रहा द्रविड़ का समूचा करियर
राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्ट, 344 वनडे और एक टी-ट्वेंटी मैच खेला. उन्होंने मार्च 2012 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. उन्होने अपने करियर में कुल 48 अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाए. उन्होंने क्रिकेट खेलना भले ही छोड़ दिया लेकिन इस खेल के प्रति उनका प्यार कम नहीं हुआ. बीसीसीआई ने पहले द्रविड़ को जूनियर क्रिकेट को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी. कोच के तौर पर उन्होंने अंडर-19 और इंडिया-ए टीम को काफी अच्छे से तैयार किया और अब एनसीए के अध्यक्ष बनाए गए हैं.