द्रविड ने कहा,एंडरसन को सजा मिलनी चाहिए थी
मैनचेस्टर: भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड को रविंद्र जडेजा और इंग्लैंड के गेंदबाज जेम्स एंडरसन मामले में एक अहम बयान दिया है. द्रविड ने एंडरसन को किसी तरह की सजा दिये बिना छोड़ दिये जाने की कड़ी आलोचना की है. द्रविड ने जडेजा को धक्का देने के मामले में दोषी नहीं करार दिये जाने […]
मैनचेस्टर: भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड को रविंद्र जडेजा और इंग्लैंड के गेंदबाज जेम्स एंडरसन मामले में एक अहम बयान दिया है. द्रविड ने एंडरसन को किसी तरह की सजा दिये बिना छोड़ दिये जाने की कड़ी आलोचना की है.
द्रविड ने जडेजा को धक्का देने के मामले में दोषी नहीं करार दिये जाने के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि खेल के प्रशासकों ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज को सजा दिये बिना छोडकर गलत संदेश दिया. द्रविड ने कहा कि एंडरसन, जिन पर जडेजा को कथित तौर पर धक्का देने का आरोप है, को फटकार लगाकर चेतावनी दी जा सकती थी क्योंकि अंपायर ब्रूस ओक्सनफोर्ड की रिपोर्ट में अपशब्दों के उपयोग के बारे में स्पष्ट रुप से बताया गया है.
उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, हमने जो संदेश दिया उससे लगता है कि इस खेल में यह (अपशब्द) चलता है जो कि गलत है. मेरा मानना है कि किसी तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए थी.
द्रविड ने कहा, सजा दी जानी जरुरी थी. हम सभी ब्रूस ओक्सनफोर्ड की रिपोर्ट के बारे में जानते हैं जिसमें बताया गया है कि जिम्मी (एंडरसन) ने क्या कहा था. उसने किन शब्दों का उपयोग किया था. यह रिपोर्ट में है और कोई इस सचाई का खंडन नहीं कर सकता कि अपशब्दों का उपयोग किया गया और इंग्लैंड दावा कर रहा है कि जडेजा ने जवाब दिया. हमें इस पर गौर करना चाहिए था लेकिन हमने आखिर में देखा कि किसी तरह की सजा नहीं दी गयी. धक्का देने की यह घटना ट्रेंटब्रिज में पहले टेस्ट मैच के दौरान घटी जब खिलाड़ी दूसरे दिन लंच के लिये पवेलियन लौट रहे थे.
भारत ने एंडरसन पर आईसीसी आचार संहिता के लेवल तीन जबकि इंग्लैंड ने जडेजा पर लेवल दो के अपराध का आरोप लगाया. दोनों पक्षों से सुनवाई के बाद हालांकि न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस ने एंडरसन और जडेजा दोनों को आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया था. बीसीसीआई ने इस पर समीक्षा की अपील की थी लेकिन आईसीसी ने उसे ठुकरा दिया था.
द्रविड ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि एंडरसन आक्रामक अंदाज में खेलना पसंद करता है लेकिन कुछ अवसरों पर वह सीमाएं लांघ लेता है. उन्होंने कहा, वह (एंडरसन) ऐसा है जो खुद को प्रेरित करने के लिये आक्रामक होता है लेकिन समस्या यह है कि कभी कभी वह सीमा रेखा पार कर देता है. इस मामले में ऐसा था या नहीं हम वास्तव में कभी नहीं जान पाएंगे.