नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा टी20 शृंखला में विकेटकीपर ऋषभ पंत को अंतिम 11 में मौका नहीं दिये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें संदेह है कि कप्तान विराट कोहली सही तरीके से इस युवा खिलाड़ी के साथ संवाद कर रहे हैं या नहीं.
पंत मुंबई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच में पैट कमिंस की गेंद सिर में लगने के बाद मैदान से बाहर चले गये थे. इसके बाद पंत को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय शृंखला के शुरुआती चार मैचों में मौका नहीं मिला और उनकी जगह लोकेश राहुल विकेट के पीछे कमान संभाल रहे हैं.
सहवाग ने कहा, ऋषभ पंत टीम से बाहर हैं, तो वह रन कैसे बनाएंगे? अगर आप सचिन तेंदुलकर को भी बेंच पर बैठा देंगे तो वह भी रन नहीं बना पाएंगे. अगर आपको लगता है कि वह मैच विजेता है, तो आप उसे टीम में शामिल क्यों नहीं करते? उन्होंने क्रिकबज से कहा, हमारे समय में कप्तान खिलाड़ी के साथ संवाद करते थे.
मुझे नहीं पता कि अब विराट कोहली ऐसा करते हैं या नहीं. मैं टीम सेटअप का हिस्सा नहीं हूं, लेकिन लोगों का कहना है कि जब रोहित शर्मा कप्तान के तौर पर एशिया कप में गए थे, तब वे सभी खिलाड़ियों से बात करते थे.
सहवाग ने कहा कि कप्तान को खिलाड़ियों से सही तरीके से संवाद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत के महान कप्तानों में शामिल महेन्द्र सिंह धौनी भी चूक कर जाते थे. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 2012 में खेले गये सीबी शृंखला का उदाहरण देते हुए कहा, जब धौनी ने ऑस्ट्रेलिया में कहा था कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम के शीर्ष तीन बल्लेबाज धीमे क्षेत्ररक्षक हैं.
हम से कभी भी इस बारे में बात नहीं की गयी थी. हमें यह मीडिया से पता चला. उन्होंने यह बात टीम की बैठक में करने की जगह संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा, उस समय हमें टीम की बैठक में कहा गया था कि हमें रोहित शर्मा को ज्यादा मौका देने की जरूरत है क्योंकि वह नये खिलाड़ी हैं और इसके लिए रोटेशन नीति लागू होगी.
अगर अब भी ऐसा ही हो रहा है, तो यह गलत है. सहवाग ने कहा कि 2012 की ऑस्ट्रेलिया शृंखला में उन्हें, तेंदुलकर और गौतम गंभीर को रोटेशन नीति के तहत अंतिम 11 में मौका दिया जाता था क्योंकि उनकी क्षेत्ररक्षण पर सवाल उठा था.