नयी दिल्ली : भारत के सफल कप्तानों की सूची में शीर्ष पर काबिज महेंद्र सिंह धौनी अभी तक अपनी नेतृत्वक्षमता का जादुई टच विदेशी सरजमीं पर नहीं दिखा पाये हैं और आलम यह है कि वह विदेशों में सबसे असफल कप्तान बनने की राह पर हैं.
इंग्लैंड के खिलाफ कल मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट मैच में पारी और 54 रन से हार भारत की धौनी की कप्तानी में विदेशी सरजमीं पर 13वीं पराजय है. यह विदेशी धरती पर किसी भी भारतीय कप्तान का सबसे खराब रिकार्ड है. यही नहीं इस हार से धौनी विदेशी सरजमीं पर सर्वाधिक टेस्ट मैच हारने वाले कप्तानों की सूची में श्रीलंका के अजरुन रणतुंगा और दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ के साथ संयुक्त तीसरे स्थान पर पहुंच गये हैं.
धौनी की कप्तानी में भारत ने अभी तक विदेशों में 27 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से केवल छह में उसे जीत मिली जबकि 13 मैचों में हार का सामना करना पडा. बाकी आठ मैच ड्रा रहे. इस तरह से धौनी का विदेशों में जीत हार का अनुपात 0.46 है. कप्तान के रुप में विदेशों में सबसे अधिक हार का रिकार्ड न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग और वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा ( दोनों 16 हार ) के नाम पर है. इनमें फ्लेमिंग की जीत . हार का अनुपात 0 . 62 है जो धौनी से थोडा बेहतर है.
धौनी का कप्तानी का ओवरआल रिकार्ड काफी बेहतर है. उनकी अगुवाई में भारत ने जो 57 टेस्ट मैच खेले उनमें से 27 मैचों में उसे जीत मिली और 16 में हार. उनकी जीत . हार का अनुपात 1 . 68 है जो किसी भी अन्य भारतीय कप्तान से बेहतर है. लेकिन धौनी अपनी कप्तानी में केवल स्वदेश में ही कमाल दिखा पाये. उनके नेतृत्व में भारत ने अपनी सरजमीं पर 30 मैचों में से 21 में जीत दर्ज की और केवल तीन में उसे हार मिली.यदि धौनी की कप्तानी में भारत का विदेशों में रिकार्ड नहीं सुधरा तो यह विकेटकीपर बल्लेबाज सबसे अधिक टेस्ट मैच हारने वाला भारतीय कप्तान भी बन सकता है.
मंसूर अली खां पटौदी की कप्तानी में भारत ने सर्वाधिक 19 मैच गंवाये थे जबकि धौनी 16 हार के साथ दूसरे स्थान पर हैं. इनके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन ( 14 हार ), सौरव गांगुली ( 13 हार ), बिशन सिंह बेदी (11 ) और सचिन तेंदुलकर (आठ हार) का नंबर आता है.
लेकिन विदेशी सरजमीं पर सर्वाधिक टेस्ट मैच हारने का भारतीय रिकार्ड धौनी के नाम पर ही दर्ज है. अजहर, गांगुली और पटौदी की कप्तानी में भारत ने विदेशों में 10 . 10 मैच गंवाये थे. गांगुली की अगुवाई में हालांकि भारतीय टीम ने विदेशी सरजमीं पर 11 टेस्ट मैचों में जीत भी दर्ज की थी और इसलिए उनका विदेशों में जीत हार का अनुपात 1.10 है.
गांगुली के अलावा केवल राहुल द्रविड और वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में ही भारत ने विदेश में एक या इससे बेहतर अनुपात हासिल किया. द्रविड की कप्तानी में जो 17 मैच विदेश में खेले गये उनमें से पांच में जीत और चार में हार ( 1 . 25 अनुपात )और सहवाग की कप्तानी में तीन मैच में एक में जीत और एक में हार (1.00) मिली.पिछले कुछ समय से भारत का विदेशों में रिकार्ड बेहद खराब रहा है. भारतीय टीम ने विदेशों में जो पिछले 16 टेस्ट मैच खेले उनमें से उसे केवल एक में जीत : वर्तमान श्रृंखला के लार्डस टेस्ट मैच में : मिली जबकि 12 मैचों में टीम को हार का कडवा घूंट पीना पडा. बाकी तीन मैच ड्रा रहे.