भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैचों की श्रृखंला का अंतिम मैच 15 अगस्त से ओवल में खेला जायेगा. पांच मैचोंं की श्रृखंला का पहला मैच ड्रा खेला गया था. लॉर्ड्स में भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, लेकिन तीसरे और चौथे मैच में भारत की टीम अपना लय खो बैठी और दोनों मैच गंवा दिया.
लॉर्ड्स के मैदान पर टीम इंडिया द्वारा ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद यह कहा जाने लगा था कि कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व में टीम इंडिया फास्ट पिच पर खेलने का गुर भी सीख गयी है. लेकिन अगले मैच में ही यह सोच गलत साबित हो गया. टीम इंडिया के धुरधंर बल्लेबाज इंग्लैंड के बॉलर जेम्स एंडरसन, मोईन अली और स्टुअर्ड बांड के सामने धराशायी हो गये. यहां तक कि विराट का विराट बल्ला भी खामोश हो गया है.
चेतेश्वर पुजारा, मुरली विजय और टीम इंडिया के गब्बर माने जाने वाले शिखर धवन भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं. भारतीय क्रिकेट के करिश्माई कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की रणनीति भी निष्क्रिय सी हो गयी है. ऐसे में सीरिज बचाने के लिए ओवल टेस्ट में भारतीय टीम के हर सदस्य को अपना 100 प्रतिशत देना होगा, तभी टीम विजयश्री हासिल हो पायेगी.
बॉलर्स को भी गेंद सही लाइन और लेंथ पर डालनी पड़ेगी, साथ ही बल्लेबाजों को मोईन अली के खौफ से निकलना होगा. महेंद्र सिंह धौनी का आत्मविश्वास उनकी सबसे बड़ी शक्ति है और यह धौनी की विशेषता है कि वे कठिनाइयों से घबराते नहीं हैं. इसलिए ओवल टेस्ट में उनकी रणनीति कारगर होगी ऐसी उम्मीद की जा सकती है.
टेस्ट मैचों की श्रृखंला के बाद भारत को एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला और एक टी-20 का मैच भी खेलना है, इसलिए यह जरूरी है कि टीम इंडिया अपना आत्मविश्वास न खोये अन्यथा आगे के मैचों मे परेशानी हो सकती है.