न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका दौरे पर एक भी वनडे मैच नहीं जीत पाया था भारत
नयी दिल्ली : इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 3-1 से शर्मनाक हार झेलनी वाली भारतीय क्रिकेट टीम के लिए वनडे सीरीज में भी राह आसान नहीं होने वाली है. टेस्ट मैचों की तरह ही धौनी की सेना ने हाल फिलहाल विदेशी जमीन पर वनडे में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है.
इसका सबसे बड़ा सबूत भारत का न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका दौरा है. इन दोनों दौरे पर टीम इंडिया एक भी वनडे मैच नहीं जीत पायी थी. न्यूजीलैंड ने पांच वनडे मैचों की सीरीज में भारत को 4-0 से और दक्षिण अफ्रीका ने तीन मैचों की सीरीज में 2-0 से हराया था.
सिर्फ अफगानिस्तान और बांग्लादेश को हराया
भारत ने पिछले एक साल में विदेशी जमीन पर सिर्फ बांग्लादेश और अफगानिस्तान को हराने में सफलता पायी है. टीम इंडिया ने 19 अगस्त 2013 से अब तक बांग्लादेश को तीन और अफगानिस्तान को एक मैच में हराया है. इस समय काल में भारत ने विदेशी जमीन पर कुल 15 वनडे मैच खेले हैं.
इसमें उसे चार में जीत मिली (बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ) है. वहीं आठ मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. चार मैचों में न्यूजीलैंड ने, दो में दक्षिण अफ्रीका ने और एक-एक में पाकिस्तान और श्रीलंका ने भारत को हराया है. भारतीय टीम को इंग्लैंड के पिछले दौरे में भी वनडे में एक भी मैच में जीत नसीब नहीं हुई थी.
तब भारत ने इंग्लैंड में इंग्लैंड के साथ पांच वनडे मैचों की सीरीज खेली थी. इसमें तीन में इंग्लैंड ने जीत दर्ज की थी. एक मुकाबला टाइ रहा था और एक का कोई नतीजा नहीं निकला था.
पहला मैच बारिश में धुल गया था. साउथंपटन में हुए दूसरे मैच में इंग्लैंड ने सात विकेटों से और ओवल में हुए तीसरे वनडे में तीन विकेटों से जीत दर्ज की थी. लॉर्डस में चौथा वनडे मैच टाइ रहा था. वहीं, कार्डिफ में हुए पांचवें और आखिरी वनडे मैच में टीम इंडिया को छह विकेटों से हार झे लनी पड़ी थी. इससे पहले टेस्ट सीरीज में भारत 4-0 से हारा था.
सावधानी से करना होगा वरुण एरॉन का इस्तेमाल
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व फिजियो जॉन ग्लॉस्टर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड को चोटों से जूझनेवाले तेज गेंदबाज वरुण एरॉन को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनका अंतरराष्ट्रीय कैरियर लंबा और सफल रहे.
वर्ष 2005 से 2008 तक भारतीय टीम के साथ काम करने वाले ग्लॉस्टर ने कहा कि काम के बोझ को उचित तरह से बांटना भारतीय तेज गेंदबाजों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी चिंता की बात है. भारतीय टीम से जुड़े रहने के दौरान जहीर खान, आशीष नेहरा और अजीत अगरकर जैसे तेज गेंदबाजों के साथ काम करने वाले ग्लॉस्टर ने 2015 आइसीसी विश्व कप प्रचार कार्यक्रम के इतर से कहा : वरुण 24 साल के आसपास है और वह पहले ही पीठ की सर्जरी करा चुका है. इतनी कम उम्र में यह सही चीज नहीं है.वे ऐसा तेज गेंदबाज है, जिसके साथ काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है, क्योंकि उसकी चोट उबर सकती है.’