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क्या क्रिकेट को गर्त में ले जा रहा है आईपीएल?

नयी दिल्ली : क्या आईपीएल भारतीय क्रिकेट को गर्त की ओर ले जा रहा है? यह सवाल इसलिए लाजिमी है क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन के लिए आईपीएल को दोषी ठहराया गया है. इसी बीच मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी भारत में क्रिकेट के जन्म से लेकर […]

नयी दिल्ली : क्या आईपीएल भारतीय क्रिकेट को गर्त की ओर ले जा रहा है? यह सवाल इसलिए लाजिमी है क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में टीम इंडिया के लचर प्रदर्शन के लिए आईपीएल को दोषी ठहराया गया है.

इसी बीच मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी भारत में क्रिकेट के जन्म से लेकर आईपीएल तक के सफरनामे में इस टी20 लीग को भारतीय क्रिकेट का कसूरवार ठहराया है. इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला 1 . 3 से हार गयी और आखिरी दो टेस्ट में उसे तीन दिन के भीतर ही शर्मनाक पराजय झेलनी पड़ी.

इसके बाद से आईपीएल की उपयोगिता और भारतीय क्रिकेट पर उसके दुष्प्रभावों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. गुहा ने अपनी किताब विदेशी खेल अपने मैदान पर में आईपीएल के नकारात्मक पहलुओं को उजागर करते हुए कहा है कि इसने क्रिकेट के साथ ही भारतीय समाज के बदतरीन पहलू को भी उजागर किया है. उन्होंने कहा ,मुझे डर था कि आईपीएल के बहाने जन्मा क्रिकेट क्लब का नया ढांचा पुराने और सुस्थापित रणजी टूर्नामेंट को बर्बाद कर देगा और राष्ट्रीय क्रिकेट को भी नुकसान पहुंचायेगा.

छह हफ्ते क्रिकेट खेलने के लिए जितने पैसे नये खिलाडि़यों को मिल रहे हैं, उससे तय हो गया था कि खिलाड़ी क्रिकेट में कैरियर बनाने के लिए राज्य या देश के लिए खेलने पर मेहनत नहीं करेंगे. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ,आईपीएल को लेकर मेरा विरोध सामाजिक और नैतिक है. यह असल क्रिकेट है ही नहीं और सामाजिक स्तर पर भी इसने शहर और गांव के बीच खाई पैदा की है. इसने क्रिकेट के साथ ही भारतीय समाज के बदतरीन पहलू को उजागर किया है. गुहा ने कहा ,टीम मालिकों का झुकाव देश के अमीर राज्यों पर था लिहाजा महाराष्ट्र की दो टीमें थी जबकि उत्तर प्रदेश या बिहार की एक भी नहीं. आईपीएल टीमों पर मालिकाना हक की नीलामी प्रक्रिया बीसीसीआई के आवंटन पर टिकी थी जो रहस्यमय थी.

उन्होंने क्रिकेट में बाजारवाद की धमक शीर्षक से किताब के एक अध्याय में कहा ,आईपीएल अब 8 साल का होने जा रहा है और क्रिकेट से इतर मुद्दों के लिए चर्चा में रहता है. विकीपीडिया का एक पन्ना आईपीएल से जुडे विवादों के नाम है जिसमें आईपीएल मालिकों की कर चोरी, मीडिया पर लगे प्रतिबंधों, ललित मोदी का निलंबन, दो फ्रेंचाइजी पर प्रतिबंध, मैच फिक्सिंग के आरोप शामिल हैं.

गुहा ने कहा कि आईपीएल खेल नहीं बल्कि शहरी मनोरंजन है और मुनाफे का सौदा भी. उन्होंने कहा , 2011 में आईपीएल करीब छह करोड लोगों ने देखा. जिस चैनल ने इसका प्रसारण किया , उसे 100 करोड रुपये का मुनाफा हुआ. आईपीएल 2012 में आखिर के पांच मैचों के स्लाट के लिये 5 लाख रुपये अंतिम कीमत थी जबकि भारत .

श्रीलंका मैच की कीमत करीब डेढ लाख और लंदन ओलंपिक की 50000 रुपये थी. गुहा ने पेंगुइन बुक्स इंडिया द्वारा प्रकाशित अपनी किताब में सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि क्रिकेट के बहाने राजनीतिक और सामाजिक बदलावों का भी सफरनामा पेश किया है. इसके अलावा भारत के पहले धीमीगति के गेंदबाज पालवंकर बालू के असाधारण जीवन के साथ जातीय भेदभावों के खिलाफ लड़ाई से भी यह किताब रुबरु कराती है.

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