इंग्लैंड के बल्‍लेबाजों को झेलना होगा उमेश का यार्कर !

लंदन : भारत ए के साथ आस्ट्रेलिया के सफल दौरे के बाद तेज गेंदबाज उमेश यादव ने कहा है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के गेंदबाजी कोच वसीम अकरम ने उन्हें सटीक यार्कर डालने में काफी मदद की है और वह वनडे श्रृंखला में इंग्लैंड के बल्लेबाजों के खिलाफ इसे अपना हथियार बनायेंगे. यादव ने कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2014 2:05 PM

लंदन : भारत ए के साथ आस्ट्रेलिया के सफल दौरे के बाद तेज गेंदबाज उमेश यादव ने कहा है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के गेंदबाजी कोच वसीम अकरम ने उन्हें सटीक यार्कर डालने में काफी मदद की है और वह वनडे श्रृंखला में इंग्लैंड के बल्लेबाजों के खिलाफ इसे अपना हथियार बनायेंगे.

यादव ने कहा ,‘‘मुझे यार्कर को लेकर दिक्कत थी क्योंकि मेरी गेंद पैर के पास रुक जाती थी. वसीम भाई ने इसमें मेरी मदद की. उन्होंने कहा कि जब तुम यार्कर फेंकने जा रहे हो तो पूरा फोकस उस जगह पर करो जहां आप गेंद डालना चाहते हो और यह मत सोचो कि यह लेग साइड में जायेगी.’’

उन्होंने बीसीसीआई टीवी को एक इंटरव्यू में कहा ,‘‘उन्होंने कहा कि पूरे शरीर और उसकी स्थिति के बारे में सजग रहना जरुरी है. यह जानना जरुरी है कि आपका गेंदबाजी करने वाला हाथ गेंद को फॉलो कर रहा है या नहीं और आपको फालो थ्रू कैसा है. शरीर और दिमाग में पूरा तालमेल जरुरी है.’’

भारत ए के आस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी लय हासिल करने वाले यादव ने कहा कि पारी के पांच विकेट लेने से उनका आत्मविश्वास बढा है और उम्मीद है कि यह लय वनडे श्रृंखला में कायम रहेगी.

उन्होंने कहा ,‘ वह दौरा मेरे लिये बहुत अच्छा रहा. मैने अच्छी गेंदबाजी की और सपाट पिचों पर विकेट लिये. पिच में उछाल था लेकिन वह इतनी तेज नहीं थी जितनी मैने उम्मीद की थी. हमने विकेटों का आकलन करके उसके अनुसार गेंदबाजी की.’’

यादव ने कहा कि इंग्लैंड में विकेट अपेक्षाकृत मुलायम होते हैं लिहाजा वह फुललैंग्थ गेंद डालने की कोशिश करेंगे ताकि गेंद को स्विंग लेने का समय मिल सके.

उन्होंने कहा ,‘‘ वहां गेंद बल्ले पर आने से पहले रुक जाती है. आपको सिर्फ अनुशासित गेंदबाजी करने की जरुरत है, बाकी काम गेंद खुद कर लेगी.’’ यादव ने कहा कि वह इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि यार्कर का दौर खत्म हो चुका है बल्कि उनकी नजर में यह गेंदबाज का अहम हथियार है.

उन्होंने कहा ,‘‘सभी को पता है कि यार्कर कैसे डालनी है लेकिन हर कोई डाल नहीं पाता. यह मानसिकता की बात है. स्पष्ट रणनीति और पूरे आत्मविश्वास के साथ यार्कर डालना जरुरी है. यदि यह सटीक हो तो यार्कर से बेहतर क्रिकेट में कोई गेंद नहीं है.’’

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