लखनऊ : इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में निराशाजनक हार से बेजार भारतीय टीम में नयी जान भरनेवाले बायें हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना के लिए हॉकी का एस्ट्रोटर्फ वरदान साबित हुआ. लखनऊ में एस्ट्रोटर्फ पर अभ्यास के जरिये ही उन्होंने शॉर्ट पिच गेंदें खेलने में अपनी जगजाहिर कमजोरी को दूर करने में सफलता हासिल की.
शॉर्ट पिच गेंदें रैना की सबसे बड़ी कमजोरी मानी जा रही थी, लेकिन लखनऊ के गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज के एस्ट्रोटर्फ पर कड़े अभ्यास के बाद वह इससे निजात पाने में सफल रहे. इसी का परिणाम था कि उन्होंने इंग्लैंड की घसियाली पिचों पर जेम्स एंडरसन सरीखे तेज गेंदबाजों की शॉर्ट पिच गेंदों पर पुल शॉट का जबर्दस्त प्रदर्शन करके भारतीय टीम में नया आत्मविश्वास भरा.
रैना को क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले कोच दीपक शर्मा ने कहा, रैना की शॉर्ट पिच गेंदें खेलने की तकनीक को लेकर पहले भी काफी बातें होती रही हैं. तेज गेंदबाज उन्हें आउट करने के लिये शॉर्ट पिच गेंदों का जाल बिछाते थे. अब रैना के लिए बाउंसर कोई अप्रत्याशित चीज नहीं रह गयी है. अब वह समझ चुके हैं कि तेज गेंदबाज उन्हें शॉर्ट पिच गेंदें ही फेंकेंगे. इसके लिए उन्होंने खास तैयारी की थी.
उन्होंने बताया, इंग्लैंड जाने से 15 दिन पहले रैना स्पोर्ट्स कॉलेज में अभ्यास के लिए आये थे. स्पोर्ट्स कॉलेज में एस्ट्रोटर्फ भी है, जिस पर सिंथेटिक की गेंद काफी उछाल लेती है. मैंने उनके साथ काफी समय एस्ट्रोटर्फ पर अभ्यास कराने में भी बिताया. सुरेश रैना ने यहां पूरे मनोयोग से प्रैक्टिस की, जिसका उन्हें फायदा मिला.
* दूसरे वनडे में जमाया शानदार शतक
गौरतलब है कि टेस्ट सीरीज में 1-3 से हार के बाद शुरू हुई एकदिवसीय मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में मुश्किल हालात में मैदान में उतरे रैना ने 100 रन की पारी खेली थी. उस मुकाबले में बड़ी जीत के बाद भारतीय टीम का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने सीरीज में 3-0 की अजेय बज़त ले ली है.
रैना सीरीज में अब तक तीन मैचों की दो पारियों में 71 के औसत से 142 रन बना चुके हैं. साथ ही किफायती गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट ले चुके हैं. इसके अलावा दमदार फील्डिंग करते हुए तीन कैच भी पकड़ चुके हैं. शर्मा ने कहा कि वास्तव में भारतीय टीम हार की मन:स्थिति में थी, ऐसे में सुरेश रैना ने पहले ही मैच में शतक जड़ कर टीम को नयी सोच और नया उत्साह दिया.