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होमवर्क साबित होगा टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया दौरा

अगले महीने भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जायेगी. इस टीम का नेतृत्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी करेंगे. टीम की घोषणा कर दी गयी है. टीम में धौनी के अलावा विराट कोहली, शिखर धवन, मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, सुरैश रैना, रिद्धिमान साहा, नमन ओझा, आर अश्विन, कर्ण शर्मा, रवींद्र […]

अगले महीने भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जायेगी. इस टीम का नेतृत्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी करेंगे. टीम की घोषणा कर दी गयी है. टीम में धौनी के अलावा विराट कोहली, शिखर धवन, मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, सुरैश रैना, रिद्धिमान साहा, नमन ओझा, आर अश्विन, कर्ण शर्मा, रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, उमेश यादव और वरुण एरोन शामिल हैं.

गौरतलब है कि चोटिल होने के कारण महेंद्र सिंह धौनी पहले टेस्ट मैच में नहीं खेलेंगे. नमन ओझा को सिर्फ पहले टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया है. यहां टीम इंडिया चार टेस्ट मैच और चार एकदिवसीय मैच भी खेलेगी. इस सीरिज पर क्रिकेट के जानकारों की नजरें टिकीं हैं. इसका कारण यह है कि इस सीरिज के बाद वर्ल्डकप का आयोजन होना है. इस बार वर्ल्डकप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड मिलकर कर रहे हैं. इसलिए ऑस्ट्रेलिया दौरे को टीम इंडिया वर्ल्डकप के लिए होमवर्क के रूप में देख रही है.

भारतीय टीम का हौसला अभी बुलंद है, क्योंकि उसने श्रीलंका को एकदिवसीय श्रृंखला में 5-0 से हराकर भेजा है. लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि टीम इंडिया का यह प्रदर्शन अपनी धरती पर था. अगर हम इतिहास पर गौर करें, तो पायेंगे कि विदेशी धरती पर टीम इंडिया के धुरंधर फेल हो जाते हैं. इसका ताजा उदाहरण भारत का इंग्लैंड दौरा है, जहां टीम इंडिया पांच मैचों की श्रृंखला 3-1 से हार गयी थी.

भारत का इंग्लैंड दौरा जून से सितंबर तक चला था. हालांकि एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में टीम ने वापसी की और 3-1 से जीत दर्ज की. बावजूद इसके अगर हम भारतीय टीम के प्रदर्शन पर गौर करें, तो यह पायेंगे कि फास्ट पिच पर हमारे खिलाड़ी असहज हो जाते हैं.

जहां तक ऑस्ट्रेलिया दौरे की बात है, तो टीम इंडिया इससे पहले वर्ष2011-2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गयी थी. उस वक्त भारतीय टीम का हौसला काफी बुलंद था क्योंकि टीम वर्ल्ड चैंपियन थी और उसकी रैंकिंग एकदिवसीय मैचों में एक थी. बावजूद इसके ऑस्ट्रेलिया ने भारत को चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 4-0 से पराजित कर दिया था और बॉर्डर-गावस्कर कप पर कब्जा जमाया था. आठ मैचों की त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला में भी भारत ने चार मैच गंवाए थे, एक टाई हुआ था और तीन मैच भारत ने जीते थे.
अभी जो टीम की स्थिति है, वह वर्ष 2011-2012 से बहुत अलग नहीं है. अभी भी टीम का उत्साह बढ़ा हुआ है. भारत की रैंकिंग भी एक नंबर पर है. ऐसे में भारत का यह ऑस्ट्रेलिया दौरा कैसा रहेगा, अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दी होगी. जिस विराट कोहली का बल्ला श्रीलंका के साथ बखूबी चला और उन्होंने सीरिज में भारत की तरफ से सर्वाधिक रन बनाये, जिसमें एक शतक भी शामिल है, वह इंग्लैंड दौरे के दौरान पूरी तरह फ्लॉप रहे थे.

कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी चोटिल हैं, इसलिए उनकी फिटनेस पर सवाल खड़े किये जा सकते हैं. हालांकि केएल राहुल जैसे युवा खिलाड़ी से टीम को काफी उम्मीदें हैं. रोहित शर्मा का प्रदर्शन भी चौंकाने वाला हो सकता है. शिखर धवन भी लय में हैं. सुरैश रैना की टीम में वापसी हुई है, उनसे भी टीम को उम्मीदें हैं.

लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया दौरा भारतीय क्रिकेट टीम के लिए होमवर्क साबित होगा. सीरिज के दौरान भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के वातावरण से तो फ्रेंडली हो ही जायेगी, वहां के गेंदबाजों और बल्लेबाजों से भी परिचित हो जायेगी, हां एक बात और पिच को भी टीम इंडिया भली-भांति समझ लेगी.

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