क्या बीसीसीआई में वापसी एन श्रीनिवासन के लिए बन जायेगा दिवास्वप्न?

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ तल्ख टिप्पणियां की हैं, जिनसे ऐसा प्रतीत होता है कि एन श्रीनिवासन की बीसीसीआई में वापसी दिवास्वप्न बनकर रह जायेगी. आज सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बीसीसीआई से पूछा कि वह एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की बजाय खेल को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2014 5:22 PM

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ तल्ख टिप्पणियां की हैं, जिनसे ऐसा प्रतीत होता है कि एन श्रीनिवासन की बीसीसीआई में वापसी दिवास्वप्न बनकर रह जायेगी.

आज सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बीसीसीआई से पूछा कि वह एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की बजाय खेल को लाभ पहुंचाने का क्यों नहीं सोच रही है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान श्रीनिवासन से यह सवाल किया कि क्या बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर होना और एक टीम का मालिक होने से हितों का टकराव नहीं होता है.

कोर्ट ने पूछा कि यह सवाल इसलिए ध्यान देने योग्य है, क्योंकि जिस टीम के आप मालिक हैं, उसके अधिकारी सट्टेबाजी में संलिप्त हैं. गौरतलब है कि आज कोर्ट में बीसीसीआइ ने श्रीनिवासन का बचाव यह करते हुए किया था कि उनपर कोई आरोप नहीं हैं. आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच कर रही मुद्गल समिति ने अपनी रिपोर्ट में श्रीनिवासन को क्लीनचिट दे दी थी, जिसके बाद एन श्रीनिवासन ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट से यह अपील की कि दुबारा बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर पहुंचने के लिए उनका मार्ग प्रशस्त किया जाये.

बावजूद इसके श्रीनिवासन का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है. ऐसा प्रतीत होता है कि क्रिकेट जगत में श्रीनिवासन का युग समाप्ति की ओर है. यहां हम उन कारणों पर गौर कर रहे हैं,जो एन श्रीनिवासन की नैया डुबो सकते हैं:-

एक ही समय पर बीसीसीआइ मुखिया और चेन्नई सुपरकिंग्स का मालिक होना
जब से आईपीएल की शुरुआत हुई है, चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन हैं. साथ ही वे बीसीसीआइ के मुखिया भी रहे हैं. ऐसे में जब सट्टेबाजी का आरोप उनकी टीम पर लगता है कि तो यह स्वाभाविक सी बात है कि उनका निष्पक्ष रहना टेढ़ी खीर होगी. आईपीएल से पहले बीसीसीआइ के नियमों में यह प्रावधान था कि बोर्ड द्वारा आयोजित किये जाने वाले किसी आयोजन में बोर्ड का कोई सदस्य लाभ के पद पर बना नहीं रह सकता है. लेकिन आईपीएल की शुरुआत के बाद इस नियम में संशोधन किया गया, जिसके बाद चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक श्रीनिवासन बने.
गुरुनाथ मयप्पन का ससुर होना, श्रीनिवासन के खिलाफ करवा सकता है निर्णय
चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारियों में शामिल गुरुनाथ मयप्पन के बारे में मुद्गल समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वे सट्टेबाजी में शामिल थे. मयप्पन श्रीनिवासन के दामाद हैं. ऐसे में उनकी भूमिका पर सवाल उठना लाजिमी है.
चेन्नई के उस खिलाड़ी को माफ करना, जो एक महिला के साथ पाया गया था
मुद्गल समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यद्यपि श्रीनिवासन का सट्टेबाजी मामले से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के उस खिलाड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जो तमाम नियमों को तोड़ते हुए रात को अपने कमरे में नहीं बल्कि एक महिला के साथ पाया गया था. गौर करने वाली बात यह थी कि उस महिला का सट्टेबाजों से संबंध था.
जगनमोहन रेड्डी के साथ संबंध
एन श्रीनिवासन उन लोगों में शुमार हैं, जिन्होंने जगनमोहन रेड्डी के कंपनियों में सबसे ज्यादा निवेश किया है. जगनमोहन रेड्डी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं. ऐसे में श्रीनिवासन का दामन भी अछूता नहीं रह सकता है और यह बात सुप्रीम कोर्ट के स्मरण में जरूर होगी.
उद्योगपति होना भी श्रीनिवासन के लिए बन सकता है काल
एन श्रीनिवासन मूलत: एक उद्योगपति हैं और उनका संबंध कई कंपनियों से रहा है. जब वे बीसीसीआइ से जुड़े उस वक्त भी उनका क्रिकेट से कोई संबंध नहीं था. क्रिकेट जगत के पैरोकारों का मानना है कि बीसीसीआइ में वैसे लोगों को होना चाहिए, जिन्हें क्रिकेट की समझ हो और जिनका क्रिकेट से नाता हो. ऐसे लोग जो सिर्फ बिजनेस करते हैं, उनका खेल से कोई नाता नहीं होना चाहिए.

पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने इस बारे में हमेशा टिप्पणी की है. पूर्व मशहूर गेंदबाज ने श्रीनिवासन पर पिछले दिनों यह आरोप लगाया था कि श्रीनिवासन ने बीसीसीआइ का अपहरण कर लिया है और उसे तमिलनाडु ले गये हैं.

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