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खिलाडियों को सटोरियों से बचाने के लिए आइसीसी सख्‍त

नयी दिल्ली : आइसीसी ने आगामी विश्व कप को भ्रष्टाचार मुक्त वादा करते के वादा किया है. इसके लिए आईसीसी ने खिलाडियों को सटोरियो से बचाने के लिये ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझेदारी की है. आईसीसी सीईओ डेविड रिचर्डसन ने कहा, इन दिनों किसी भी खेल में भ्रष्टाचार बहुत बड़ी […]

नयी दिल्ली : आइसीसी ने आगामी विश्व कप को भ्रष्टाचार मुक्त वादा करते के वादा किया है. इसके लिए आईसीसी ने खिलाडियों को सटोरियो से बचाने के लिये ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझेदारी की है.

आईसीसी सीईओ डेविड रिचर्डसन ने कहा, इन दिनों किसी भी खेल में भ्रष्टाचार बहुत बड़ी चुनौती है. क्रिकेट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जंग में अभियान की अगुवाई की है. अगले विश्व कप के लिये जो उपाय किये गये हैं वे पहले से शायद कहीं अधिक कडे हैं.

उन्होंने कहा, पहली बार आईसीसी तथा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच गठजोड हुआ है. आईसीसी किसी भी तरह की अवैध सट्टेबाजी या खिलाडियों से संबंध बनाने की कोशिश करने वाले सटोरियों का पता लगाने के लिये जांच एजेंसियों के साथ काम कर रही है.
रिचर्डसन ने कहा, हमारी भ्रष्टाचार रोधी इकाई के पास खुद की पुलिस जांच शक्तियां नहीं हैं लेकिन ऑस्ट्रेलियाई फेडरल पुलिस और न्यूजीलैंड पुलिस के साथ भागीदारी करने से हमें शक्तियां मिल जाती हैं. उन्होंने कहा, और मैं लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि यदि कोई इस बार विश्व कप मैचों को फिक्स करने या खिलाडियों से जुडने की कोशिश की योजना बना रहा है तो उसके लिये यह वास्तव में बहुत मुश्किल होगा और मैं कह सकता हूं कि विश्व कप किसी तरह के भ्रष्टाचार या स्पाट फिक्सिंग से मुक्त रहेगा.
विश्व कप का 1992 में सफल आयोजन करने के बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यजीलैंड 50 ओवरों के इस प्रारुप के और बेहतर आयोजन के लिये तैयार है. रिचर्डसन ने कहा, क्रिकेट इस तरह से अद्वितीय है क्योंकि इसमें एक ही खेल के तीन प्रारुप हैं. इससे हर किसी को मौका मिलता है. मेरा मानना है कि 50 ओवरों का प्रारुप पारंपरिक टेस्ट मैच और टी20 के छोटे प्रारुप के बीच पुल का काम करता है.
उन्होंने कहा, पचास ओवरों के प्रारुप में नये नियमों ने खेल को प्रति ओवर बन रहे रनों के लिहाज से देखने पर अधिक आक्रामक बना दिया है. इसके अलावा अधिक विकेट भी लिये जा रहे हैं. नये वनडे नियमों के कारण 50 ओवरों के प्रारुप में अस्सी और नब्बे के दशक की तुलना में बहुत बदलाव आया है और रिचर्डसन ने कहा कि आक्रामकता से खेल बेहतर हुआ है.
उन्होंने कहा, इससे क्रिकेट में अधिक आक्रामकता देखने को मिल रही है. हां हमें लगता है कि विशेषकर सपाट विकेटों पर कुछ अवसरों पर गेंदबाजों के लिये स्थिति मुश्किल हो जाती है. लेकिन हमें लगता है कि आस्ट्रेलियाई परिस्थितियां बल्ले और गेंद के बीच शानदार संतुलन उपलब्ध कराएंगी.
हमने पाया है कि यहां तक कि स्पिन गेंदबाजों, जो क्षेत्ररक्षण पाबंदियों के कारण कभी थोडा असहज महसूस करते हों, को भी वनडे में काफी सफलता मिल रही है. रिचर्डसन ने कहा, इसलिए हम सभी का मानना है कि इससे अधिक रोमांचक क्रिकेट देखने को मिल रही है जिसके बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है. पुराने दिनों में वनडे एक ही ढांचे में खेले जाते थे जिनकी भविष्यवाणी की जा सकती थी. अब ऐसा नहीं है.

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