करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों के चहेते और भारतीय क्रिकेट की जान माने जाने वाले युवराज सिंह आज 33 वर्ष के हो गये हैं. इस अवसर पर उन्हें जन्मदिन की बधाई.
भले ही युवराज सिंह आज भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन वे भारतीय मिडिल ऑर्डर बैटिंग की जान हुआ करते थे.वर्ष 2011 का वर्ल्ड कप अगर भारत ने जीता तो यह कहना गलत नहीं होगा कि उसमें सबसे ज्यादा योगदान युवराज सिंह का ही था. उस विश्वकप में युवराज सिंह को बेहतरीन खिलाड़ी का पुरस्कार भी मिला था.
इस विश्वकप के बाद ही यह पता चला था कि युवराज सिंह को कैंसर हैं और उनका इलाज शुरू हुआ. अमेरिका में युवी का इलाज हुआ और अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं. हालांकि इस बीमारी के कारण उनके कैरियर पर थोड़ा ब्रेक लग गया और इस बार उनका चयन आगामी विश्वकप के लिए नहीं हो सका.
बावजूद इसके इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि युवराज सिंह एक महान खिलाड़ी हैं और क्रिकेट जगत उनके योगदान को नहीं भूल सकता. युवी को टीम में अपनी वापसी का इंतजार है, वे रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं और हाल ही में उन्होंने शतक जड़ा है.
युवराज ने 16 अक्तूबर 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला था. जबकि एकदिवसीय मैच में उन्होंने डेब्यू मैच 3 अक्तूबर वर्ष 2000 में कीनिया के खिलाफ खेला था. युवराज ने टेस्ट में तीन शतक और 11 अर्धशतक बनाये हैं. वहीं एकदिवसीय मैच में उन्होंने 13 शतक और 51 अर्धशतक बनाये हैं. उन्होंने 13 वर्ष की उम्र में अंडर 16 पंजाब की ओर से खेला था. जबकि 1997-98 में उन्होंने पहली बार ओडिशा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी खेला था.
युवराज के पिता का नाम योगराज सिंह और मां का नाम शबनम सिंह है. माता-पिता के तलाक के बाद युवराज अपनी मां शबनम के साथ ही रहा करते थे. जब युवराज कैंसर से जूझ रहे थे, तो उनकी मां शबनम हमेशा उनके साथ रहीं. आज युवराज सिंह का जन्मदिन है और उन्हें इस अवसर पर शुभकामनाएं मिल रही हैं.