नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन भारत की गेंदबाजी को अब तक श्रृंखला का उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करार दिया लेकिन कहा कि मेहमान टीम को दूसरे दिन अच्छे गेंदबाजी ऑलराउंडर की कमी खल सकती है.
भारत की सटीक गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया पहले दिन 90 ओवर में पांच विकेट पर 259 रन ही बना सका. गावस्कर ने कहा, निश्चित तौर पर यह गेंद से भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. अगर वे और ज्यादा फुल लेंथ की गेंदबाजी करते तो स्थिति भारत के लिए और बेहतर हो सकती थी. लेकिन साथ ही क्रिकेट में अगर मगर के लिए कोई जगह नहीं है. भारत को निचले क्रम को समेटने में हमेशा से परेशानियों का सामना करना पड़ा है और गावस्कर ने कहा कि टीम इंडिया को कल फिर इस स्थिति से जूझना पड सकता है.
गावस्कर ने कहा, हेडिन के नाम पर चार टेस्ट शतक हैं और मिशेल जानसन ने भी एक शतक जडा है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया 400 रन के आंकडे को भी पार कर सकता है. स्मिथ तेज गेंदबाजों और स्पिनरों के खिलाफ आसानी से खेल रहा है. भारत को कल उसे जल्दी आउट करना होगा और इसके बाद जल्द से जल्द पारी को समेटने की कोशिश करनी होगी.
चार विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ खेलने के धोनी के फैसले के बारे में पूछने पर गावस्कर ने कहा, ब्रिसबेन में दूसरी पारी में बल्लेबाजी क्रम लडखडा गया था और धोनी को लगता है कि छह विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ खेलना बेहतर है और वह सातवें बल्लेबाज होंगे. पिछले कुछ समय से ऐसा ही चल रहा है.
इस पूर्व कप्तान ने कहा, यही कारण है कि भारत को ऐसे खिलाडी की जरुरत है जो गेंद से छाप छोडे. वह हर समय नहीं तो श्रृंखला में कम से कम दो या तीन बार पांच विकेट चटकाए. भारत के पास स्तरीय आलराउंडर नहीं है. गावस्कर ने कहा कि उन्हें सुरेश रैना जैसे खिलाड़ी पर पदार्पण कर रहे लोकेश राहुल के चयन में कुछ भी गलत नहीं लगता. राहुल को अंतिम एकादश में रोहित शर्मा की जगह शामिल किया गया है.