नयी दिल्ली : विराट कोहली के मैदान के अंदर और बाहर के व्यवहार से पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर प्रभावित नहीं हैं और उन्होंने कहा कि इस तरह की आक्रामकता ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में उलटी भी पड सकती है.
ऑस्ट्रेलिया ने मेलबर्न में चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक 326 रन की बड़ी बढ़त हासिल कर ली है और वह कल जीत दर्ज करके श्रृंखला में अजेय बढ़त हासिल कर सकता है. इस मैच के दौरान कोहली और ऑस्ट्रेलियाई खिलाडियों के बीच मैदान पर झडप हुई. भारतीय खिलाड़ी ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में भी स्टीव स्मिथ के साथियों की आलोचना की.
गावस्कर से पूछा गया कि क्या कोहली ईट का जवाब पत्थर से दे रहे है तो उन्होंने कहा कि यह बल्लेबाज इसके बिना भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, मेरा मानना है कि संवाददाता सम्मेलन मैदान पर क्या हुआ इसके बजाय केवल क्रिकेट तक सीमित होना चाहिए. मैदान पर जो कुछ हुआ उसे मैदान तक सीमित रखा जाना चाहिए. मैं इसको लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह समझबूझ भरा कदम है या नहीं.
उन्होंने कहा, इससे भले ही उसमें जोश भरा और उसने शतक जमाया लेकिन इससे बाकी टीम पर कैसा प्रभाव पडा. क्या आप यह जता रहे हो कि सचिन (तेंदुलकर), (राहुल) द्रविड और वीवीएस लक्ष्मण में जोश नहीं था. वे भी कडी क्रिकेट खेलते थे. गावस्कर ने कहा कि कोहली को जब उकसाया जाता है तो उन्हें उसका जवाब देने का अधिकार है लेकिन भारतीय उप कप्तान को ऑस्ट्रेलियाई खिलाडियों के साथ बहस की शुरुआत नहीं करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, मैं नहीं जानता कि उसने क्या कहा और क्यों कहा. लेकिन सभी को इस नजरिये से देखना चाहिए कि क्या इससे टीम प्रभावित हो रही है. उन्होंने जानसन को निशाना बनाया और देखिये कि एडिलेड में क्या हुआ. आपको यह भी देखना होगा कि कहीं इसका हमें उलटा परिणाम तो नहीं मिल रहा है. हमें कल तक इंतजार करना होगा कि क्या इसका उलटा प्रभाव पडा. हालांकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोन्स का मानना है कि कोहली का रवैया गलत नहीं है.
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि यह हास्यपूर्ण है. वह जिस तरह से खेलता है मुझे वह पसंद है. वह विरोधी को उसके मुंह के सामने करारा जवाब देता है और मुझे इसमें कोई परेशानी नजर नहीं आती. वह जो कहता है मुझे उससे दिक्कत नहीं है. वह ऑस्ट्रेलियाई बनने के लिये काफी अच्छा है.