शानदार कप्तान ही नहीं, सर्वश्रेष्ठ फिनिशर भी हैं महेंद्र सिंह धौनी

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. जिस शान से उन्होंने क्रिकेट खेला, उसी शान से उन्होंने क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया. हालांकि अभी धौनी ने एकदिवसीय क्रिकेट और टी-20 से संन्यास नहीं लिया है, लेकिन कहना ना होगा कि वे क्रिकेट के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 12:58 PM

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. जिस शान से उन्होंने क्रिकेट खेला, उसी शान से उन्होंने क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया. हालांकि अभी धौनी ने एकदिवसीय क्रिकेट और टी-20 से संन्यास नहीं लिया है, लेकिन कहना ना होगा कि वे क्रिकेट के इन फॉरमेट को भी उसी शान से अलविदा कर देंगे. यह महेंद्र सिंह धौनी के व्यक्तित्व की खूबी है.

धौनी ने अपनी रणनीतियों से भारतीय क्रिकेट को एक नयी दिशा दी और उसे टेस्ट क्रिकेट के साथ-साथ एकदिवसीय खेल में भी नंबर वन पर पहुंचाया. यह बात दीगर है कि मीनमेख निकालने वाले धौनी की इस खूबी को भी गलत तरीके से परोसने में जुटे हैं और लगातार इस प्रयास में रहेंगे कि उनकी उपलब्धियों को सिफर बताया जाये.

लेकिन सच क्या है, यह सभी जानते हैं और उसे बार-बार बताने की जरूरत नहीं है. महेंद्र सिंह धौनी ने टीम इंडिया को जीतने का जज्बा दिया, जिसके कारण टीम इंडिया ने अपने विरोधियों को पटखनी दी और 2011 में विश्वकप जीता. धौनी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने कभी जीत का श्रेय लेने की कोशिश नहीं की. धौनी के एक खासियत और है, जिसके लिए उन्हें पूरा क्रिकेट जगत जानता है. धौनी को क्रिकेट जगत का बेस्ट फिनिशर माना जाता है.

एक इंटरव्यू के दौरान धौनी ने स्वीकारा था कि वे हर मैच को लास्ट ओवर तक ले जाना चाहते हैं, ताकि मैच का रोमांच कायम रहे. एकदिवसीय क्रिकेट में उनसे बेहतर फिनिशर किसी को नहीं माना जाता है. यहां हम कुछ मैच की चर्चा कर रहे हैं, जिनमें धौनी ने बेस्ट फिनिशर की भूमिका अदा की.

विश्वकप 2011 का फाइनल : विश्वकप 2011 के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए महेंद्र सिंह धौनी ने बेस्ट फिनिशर की भूमिका निभायी और टीम को छक्का मार विजयश्री दिलायी. इस मैच में धौनी ने 91 रन की पारी खेली थी. जिस वक्त धौनी बैटिंग करने आये थे मैच काफी तनावपूर्ण स्थिति में था, लेकिन धौनी ने तनाव को भुलाकर शानदार पारी खेली और इतिहास रह दिया.

सिलिकॉन कप फाइनल 2013 : श्रीलंका के साथ खेले गये इस मैच में भारत को 202 रन का टारगेट मिला था. भारत का नौ विकेट गिर चुका था, ग्राउंड पर धौनी और ईशांत शर्मा थे. भारत को छह बॉल में 15 रन बनाना था. लोग निराश हो चुके थे, लेकिन धौनी ने शानदार खेल दिखाया और छक्का मारकर टीम को विजय दिलाया.

सीबी सीरीज 2012 : ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गये इस मैच में भारत को जीत के लिए छह बॉल में 13 रन बनाना था. टारगेट असंभव न सही मुश्किल जरूर लग रहा था, लेकिन धौनी ने अपने बल्ले से शानदार खेल दिखाया और मैच को जीत दिलायी.

यह तो चंद उदाहरण है, जब धौनी बेस्ट फिनिशर की भूमिका में दिखाये. इसके अलावा भी कई मौके क्रिकेट के विभिन्न फॉरमेट में दिखे जब धौनी बेस्ट फिनिशर के रूप में नजर आये और अपने प्रशंसकों की वाह-वाही लूटी.

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