सिडनी : कल 6 जनवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा और सीरीज का अंतिम मैच खेला जायेगा. इस मैच में टीम इंडिया की अगुवाई नवनियुक्त कप्तान विराट कोहली करेंगे. मेलबर्न में खेले गये तीसरे मैच के बाद भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने तत्काल प्रभाव से संन्यास की घोषणा कर दी थी.
धौनी के संन्यास के बाद टीम में रिद्धिमान साहा को शामिल किये जाने की खबरें हैं. हालांकि ऑस्ट्रेलिया इस सीरीज को पहले ही 2-0 से जीत चुकी है, तीसरा टेस्ट भारत ने किसी तरह बचा लिया था. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार है जब टीम को इतने लंबे समय तक विदेशों में हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले इंग्लैंड में 1932 में पदार्पण श्रृंखला से 1955 में वेस्टइंडीज के पहले दौरे तक उसे इस तरह की निराशा का सामना करना पड़ा था.
कोहली ने लगभग एक महीने पहले एडिलेड ओवल में पहले टेस्ट में कप्तानी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया था और उनके दो शतक की बदौलत टीम इंडिया जीत के काफी करीब पहुंचने में सफल रही थी लेकिन बाद में मैच हार गयी.
कोहली हालांकि अब जब स्थायी तौर पर कप्तान की भूमिका निभायेंगे तो उनके सामने अलग तरह की चुनौतियां होंगी.धौनी की अगुवाई में पिछले कुछ समय में भारत की सबसे बड़ी कमजोरी गेंदबाजों का 20 विकेट चटका पाने में असफल रहना रहा है और कोहली को सबसे पहले इसी समस्या का समाधान करते हुए ऐसा आक्रमण चुनना होगा जो 20 विकेट लेने में सक्षम हो.
सिडनी टेस्ट के बाद हालांकि भारत को काफी समय तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना है. उसे अगला टेस्ट बांग्लादेश दौरे पर खेलना है जो आईपीएल के बाद होगा.ऐसे में कोहली को फिलहाल इस टेस्ट के गेंदबाजी आक्रमण पर ध्यान देना होगा और स्थायी तौर पर टीम के गेंदबाजी आक्रमण के बारे में वह बाद में सोच सकते हैं.
कोहली को तय करना होगा कि आगामी त्रिकोणीय वनडे श्रृंखला और विश्व कप को देखते हुए किन खिलाड़ियों को आराम दिया जाये और किन्हें मौका दिया जाये. टीम पांच गेंदबाजों के साथ नहीं उतरेगी जबकि धौनी की जगह रिद्धिमान साहा विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभायेंगे.
प्रबंधन हालांकि पहली पसंद विकेटकीपर के रूप में साहा के पहले मैच में उनके बल्लेबाजी में अधिक उम्मीद लगाकर उन पर दबाव नहीं बनाना चाहती. वरुण एरोन अपने नाना के अंतिम संस्कार के बाद वापस लौट आये हैं जबकि भुवनेश्वर कुमार नेट पर लय में गेंदबाजी कर रहे हैं. इशांत शर्मा ने अभ्यास नहीं किया लेकिन वह नेट पर मौजूद रहे.
उमेश यादव, मोहम्मद शमी और धवल कुलकर्णी ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी की जबकि तीन स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन, कर्ण शर्मा और अक्षर पटेल ने भी ऐसा किया.यह देखकर स्पष्ट है कि नया कप्तान चाहता है कि सभी खिलाड़ी फिट रहें और सभी विकल्प खुले रहें. बल्लेबाजी विभाग में हालांकि कुछ बदलाव हो सकते हैं. रोहित शर्मा ने मेलबर्न की तुलना में अधिक कड़ा अभ्यास किया और उनके साथ सुरेश रैना मौजूद थे.लोकेश राहुल, मुरली विजय, कोहली और अजिंक्य रहाणे ने भी बल्लेबाजी अभ्यास किया.
शिखर धवन ने बाद में बल्लेबाजी की और वह तभी बल्लेबाजी के लिए उतरे जब राहुल नेट गेंदबाजों की शार्ट पिच गेंदों के आगे असहज नजर आ रहे थे.चेतेश्वर पुजारा ने पूरे सत्र के दौरान बल्ले को हाथ नहीं लगाया और ऐसे में वह कोहली की अंतिम एकादश से बाहर भी हो सकते हैं.
यह देखना रोचक होगा कि सलामी बल्लेबाज के रूप में धवन की श्रृंखला के विफलता के बावजूद टीम प्रबंधन उन्हीं के साथ उतरता है या नहीं.यह भी देखना होगा कि राहुल को एक और मौका मिलता है या नहीं जो अपने पदार्पण मैच की दोनों पारियों में विफल रहे थे.
इस मैदान पर खेले 10 टेस्ट में भारत ने एकमात्र जीत 1978 में दर्ज की थी.कोहली के लिए भी यह अच्छा आंकडा नहीं है कि टीम ने उनकी अगुआई में अब तक दोनों मैच गंवाये हैं.साथ ही एससीजी मेंऑस्ट्रेलियाई ड्रेसिंग रूम के बाहर फिलिप ह्यूज की याद में पट्टिका लगायी गयी.यह उस घटना की याद ताजा करती है जिसमें पिछले साल नवंबर में यहां घरेलू मैच के दौरान इस क्रिकेटर की बाउंसर लगने के बाद मौत हो गयी थी.