रणजी ट्रॉफी : कल फिर दबदबा बनाने के इरादे से उतरेगी दिल्ली
नयी दिल्ली : कप्तान गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने दिल्ली को ग्रुप बी में शीर्ष पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है और ये दोनों कल से यहां ओडिशा के खिलाफ शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी मैच में एक बार फिर दबदबा बनाने के इरादे के साथ उतरेंगे. दिल्ली की टीम अपने चार में […]
नयी दिल्ली : कप्तान गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने दिल्ली को ग्रुप बी में शीर्ष पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है और ये दोनों कल से यहां ओडिशा के खिलाफ शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी मैच में एक बार फिर दबदबा बनाने के इरादे के साथ उतरेंगे.
दिल्ली की टीम अपने चार में से तीन मैच जीत चुकी है और अगर यहां मौसम ने साथ दिया तो फिरोजशाह कोटला मैदान पर ओडिशा की कमजोर टीम को हराकर टीम शीर्ष स्थान पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी.
गंभीर ने दिसंबर की शुरुआत में सौराष्ट्र के खिलाफ 147 रन की पारी खेलकर सत्र की शानदार शुरुआत की थी जबकि सहवाग ने नये साल की शुरुआत लाहली में हरियाणा के खिलाफ तूफानी शतक के साथ की.
विश्व कप के लिए चुनी गयी टीम में जगह नहीं दिये जाने के बाद इन दोनों बल्लेबाजों की नजरें अब राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को बल्ले से जवाब देने पर टिकी होंगी.
फिरोजशाह कोटला पर मैचों के कोहरे के प्रभावित होने के बावजूद दिल्ली की टीम लगातार लय में नजर आ रही है और उसने गुजरात के खिलाफ मैच से बोनस अंक भी हासिल किया है.
सहवाग और उन्मुक्त चंद ने सत्र में अब तक दो-दो शतक जड़े हैं जबकि गंभीर ने भी एक शतक लगाया है जिससे टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत नजर आ रही है. सहवाग ने लाहली में 181 गेंद में 16 चौकों और एक छक्के की मदद से 147 रन की पारी खेली थी लेकिन खराब मौसम के कारण अंतिम दिन का खेल रद्द होने के बाद मैच ड्रा हो गया था. दिल्ली की टीम हालांकि पहली पारी की बढ़त के आधार पर तीन अंक हासिल करने में सफल रही थी.
गेंदबाजी विभाग में टीम के आक्रमण की अगुआई सुमित नारवाल और परविंदर अवाना करेंगे जबकि युवा तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने भी प्रभावित किया है. रजत भाटिया और बायें हाथ के स्पिनर वरुण सूद भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे हैं.
दूसरी तरफ ओडिशा को अब तक चार मैचों में जूझना पड़ा है और टीम एक ही जीत दर्ज कर पायी है. टीम नौ टीमों के ग्रुप में सातवें स्थान पर हैं और अभिलाष मलिक की अगुवाई वाली इस टीम को अपने प्रदर्शन में काफी सुधार की जरूरत है.
टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत नहीं है जबकि बसंत मोहंती की अगुवाई वाला गेंदबाजी आक्रमण भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया है.