क्रिकेट का महाकुंभ शुरू होने में अब चंद दिन रह गये हैं. सभी टीमों ने अपनी बादशाहत कायम करने के लिए कमर कस लिया है. इस बार का वर्ल्ड कप एशियाई टीमों के खिलाज से काफी खास और चुनौती पूर्ण हो सकता है. खास इस मायने में कि इस बार का विश्व कप एशिया से […]
क्रिकेट का महाकुंभ शुरू होने में अब चंद दिन रह गये हैं. सभी टीमों ने अपनी बादशाहत कायम करने के लिए कमर कस लिया है. इस बार का वर्ल्ड कप एशियाई टीमों के खिलाज से काफी खास और चुनौती पूर्ण हो सकता है. खास इस मायने में कि इस बार का विश्व कप एशिया से बाहर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की धरती में होने वाली है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की धरती को गेंदबाजों के लिए स्वर्ग माना जाता है. यहां के पिच को दुनिया की सबसे उछाल वाली पिचें मानी जाती है. एशियाई क्रिकेटरों को स्पिन गेंदबाजी में खेलना रास आता है. तेज गेंदबाजों के आगे कुछ क्रिकेटरों को छोड़ दें तो खेलने में काफी दिक्कत होती है.
सभी टीमों ने विश्व कप के लिए अपने अंतिम 15 खिलाडियों की घोषणा कर दी है. सभी ने इस बार युवा खिलाडियों को अपने टीम में जगह दी है. 2011 में अपनी-अपनी टीम के लिए हीरो रहे खिलाडियों को इस बार अनदेखा किया गया है. अब सवाल उठता है कि अनुभवी खिलाडियों को दरकिनार करना और केवल युवा कंधों पर विश्व कप के लिए भरोसा करना कितना सही साबित होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
इस बार के विश्व कप में कुछ महान खिलाडियों की कमी जरूर खलेगी. इसमें सबसे अधिक किसी खिलाड़ी की कमी रहेगी तो उसमें हैं क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर. सचिन तेंदुलकर वैसे क्रिकेटरों में शामिल हैं जिनके बिना क्रिकेट की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है, सचिन चाहे मैदान पर हों या नहीं.
सचिन ने अपना अतिंम विश्व कप 2011 में खेला जिसमें भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत मिली. भारत की जीत ने सचिन के चमचमाते कैरियर पर चार चांद लगा दिया. सचिन खुद इस बात से इत्फाक रखते हैं. बहरहाल सचिन ने तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अपने को आलग कर लिया. उन्होंने 2013 में रिटायरमेंट की घोषणा कर दी.
सचिन के अलावा कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिन्होंने अभी क्रिकेट को अलविदा नहीं कहा है, लेकिन उन्हें विश्व कप 2015 के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है. 2011 विश्व कप में इन खिलाडियों ने कई कारनामें किये जिसे कई वर्षों तक लोग याद रखेंगे. इस बार के विश्व कप में इन दिग्गज खिलाडियों की कमी जरूर खलेगी.
जानें 2011 विश्व कप के हीरो रहे खिलाडियों को
वीरेंद्र सहवाग –वीरेंद्र सहवाग भारतीय क्रिकेट के ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें इस बार के विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया है. सहवाग अपने कैरिसर के अंतिम पड़ाव पर हैं. उन्हें टीम में जगह नहीं मिलने से काफी निराशा हुई है. हालांकि उनके फार्म की बात की जाये जो वह पिछले दो सालों से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन मौजूदा रणजी ट्रॉफी में उन्होंने अपना पुराना लय हासिल कर लिया है और दो शतक लगाया है.
रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद ऐसा लग रहा था कि शायद चयनकर्ताओं को इनपर रहम आयेगी. लेकिन वैसा कुछ भी नहीं हो सका और सहवाग को टीम से बाहर रहते हुए ही विश्व कप का आनंद लेने के लिए छोड़ दिया गया.सहवाग 2011 में विश्व कप में शानदार प्रदर्शन दिखाया था. उन्होंने 8 मैचों में 380 रनों का स्कोर खड़ा किया था और विश्व कप के टॉप 7वें बल्लेबाज रहे थे.
गौतम गंभीर – गंभीर को भी इस बार के विश्व कप में शामिल नहीं किया गया है. गंभीर ने 2011 के विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था और टॉप बल्लेबाजों में 6 स्थान पर कब्जा जमाया था. गंभीर ने 9 मैचों में 393 रन का स्कोर खड़ा किया था जिसमें उन्होंने चार अर्धशतक लगाया.
युवराज सिंह –इस बार के विश्व कप टीम में शामिल नहीं किये जाने से जिस खिलाड़ी को सबसे अधिक निराशा हुई होगी उसमें युवराज सिंह सबसे आगे हैं. युवी का पुरी उम्मीद थी कि उन्हें 15 सदस्यीय टीम में जरूर शामिल कर लिया जाएगा.
युवराज सिंह भी कुछ दिनों से अपने फार्म को लेकर काफी परेशान थे, लेकिन रणजी ट्रॉफी में उन्होंने तीन लगातार शतक जमा कर चयनकर्ताओं को दिखा दिया कि उन्हें टीम में चयन न करके उन्होंने कितनी बड़ी भूल की है. 2011 विश्व कप में युवी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 362 रन बनाये थे. जिसमें उनके एक शतक और 4 अर्धशतक शामिल थे.