नयी दिल्ली : भारत ने विश्व कप के लिये जो 15 सदस्यीय टीम चुनी है उसकी बल्लेबाजी मजबूत मानी जा रही है लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धौनी और उप कप्तान विराट कोहली को छोडकर टीम के बाकी अन्य बल्लेबाजों को मेहमान देशों ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सीमित ओवरों की क्रिकेट में भी रन बनाने के लिये जूझना पड़ा है.
भारत के लिए अभी शिखर धवन और रोहित शर्मा वनडे में पारी का आगाज कर रहे है. इन दोनों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई टेस्ट श्रृंखला में निराशजनक प्रदर्शन किया था तथा डाउन अंडर यानि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में उनका ओवरआल रिकार्ड भी प्रभावशाली नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला की छह पारियों में केवल 167 रन बनाने वाले धवन ने विश्व कप के मेजबान देशों में से अब तक केवल कीवियों की धरती पर चार वनडे खेले है जिनमें वह बुरी तरह नाकाम रहे. इन चार मैचों में उन्होंने 20. 25 की औसत से 81 रन बनाये जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 32 रहा.
उनके साथी बल्लेबाज रोहित शर्मा को इन दोनों देशों में जरुर 22 वनडे खेलने का मौका मिला हैं जिनमें उन्होंने 29.52 की औसत से 502 रन बनाये हैं. वनडे में दोहरे शतक लगाने वाले रोहित को वहां अब भी पहले शतक का इंतजार है. भारत को लीग चरण में ऑस्ट्रेलिया में चार और न्यूजीलैंड में दो मैच खेलने हैं. रोहित ने ऑस्ट्रेलिया में जो 15 वनडे खेले हैं उनमें वह केवल 26. 15 की औसत से ही रन बना पाये हैं.
भारत के वनडे में तीसरे नंबर के बल्लेबाज कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में 692 रन बनाकर साबित कर दिया कि उन पर परिस्थितियों का कोई प्रभाव नहीं पडता और वह दुनिया के किसी भी तरह की पिच पर रन बनाने में सक्षम हैं. कोहली किसी भी तरह के प्रारुप में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी उतने ही सफल रहे हैं जितने भारत में.
भारत की टेस्ट टीम के नये कप्तान ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में तीनों प्रारुपों में मिलकर 1923 रन बनाये हैं और उनका औसत 58.27 हैं. वनडे में उन्होंने दोनों देशों में अब तक जो 13 मैच खेले हैं उनमें 55.33 की औसत से 664 रन बनाये हैं. कोहली इन दोनों देशों की सरजमीं पर अब तक वनडे में एक एक शतक लगाया है.
कोहली यदि नंबर तीन पर उतरेंगे तो संभवत: नंबर चार की जिम्मेदारी अजिंक्य रहाणे संभालेंगे जो अच्छी फार्म में चल रहं है. वह अच्छे तकनीक वाले बल्लेबाज हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंख्ला में 399 रन बनाकर उन्होंने इसे साबित भी कर दिया है.
रहाणे ने अब तक ऑस्ट्रेलिया में कोई वनडे नहीं खेला है.
उन्होंने पांच मैंच न्यूजीलैंड की सरजमीं पर खेले जिसकी पांच पारियों में वह केवल 51 रन बना पाये. इनमें से चार पारियों में वह दोहरे अंक में भी नहीं पहुंच पाये थे जबकि एक बार उन्होंने 36 रन की पारी खेली थी. बल्लेबाजी क्रम में नंबर पांच सुरेश रैना के लिए सुरक्षित है जिन्हें हाल ही में सिडनी में पहली बार डाउन अंडर में पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला और वह दोनों पारियों में कुल चार गेंद का सामना कर पाए और खाता खेलने में भी नाकाम रहे.
रैना ने इन दोनों मेजबान देशों में अब तक कुल 16 वनडे मैच खेले हैं जिनमें 32.58 की औसत से 391 रन बनाये है. वह इन 16 मैंचों की 15 पारियों में केवल एक बार 50 रन के पार पहुंच पाये. ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर तो वह आठ पारियों में केवल 182 रन ही बना पाये हैं और उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 40 रन है.
मध्यक्रम के किसी बल्लेबाज या रहाणे के शीर्ष में खेलने की स्थिति में अंबाती रायुडु को मौका मिल सकता है. रायुडु ने अब तक ऑस्ट्रेलिया में अब तक कोई मैंच नहीं खेला हैं. न्यूजीलैंड में उन्हें दो वनडे खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 57 रन बनाये हैं.
विकेटकीपर बल्लेबाज और टीम के कप्तान धौनी आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सरजमीं पर टेस्ट मैंचों में भले ही अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये लेकिन वनडे में उन्होंने वहां भी अपना जलवा जमकर बिखेरा है. वनडे में धौनी ने अब तक विश्व कप के मेजबान देशों की धरती पर 27 मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 67.20 की प्रभावशाली औसत से 1008 रन बनाये हैं. इनमें नौ अर्धशतक शामिल है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों में उनका वनडे औसत 60 से उपर हैं.
भारतीय टीम में चुने गये दो आलराउंडरों में से रविंद्र जडेजा ने इन दोनों देशों में 13 वनडे की 12 पारियों में 27. 33 की औसत से 246 रन बनाये हैं. न्यूजीलैंड की सरजमीं पर उन्होंने पांच मैचों में 145 रन बनाये हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया की धरती पर उनका बल्ला अभी तक नहीं चल पाया है. जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया में जो आठ वनडे मैच खेले है उनमें वह केवल 101 रन बना पाये हैं औ रउनका औसत 16.83 है. यहां उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 24 रन है.
दूसरे ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी ने अब तक अंतरराष्ट्रीय मैंचों में ऑस्ट्रेलियाई पिंचों का स्वाद नहीं चखा है. न्यूजीलैंड में उन्होंने एक वनडे खेला है जिसमें उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था.