मैं आज तक नहीं जान पाया बीसीसीआई की नाराजगी की वजह : लोर्गट
नयी दिल्ली : आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के मौजूदा सीईओ हारुन लोर्गट ने कहा कि उन्हें अब भी नहीं पता कि बीसीसीआई उनसे नाराज क्यों है लेकिन उन्होंने उम्मीद जतायी कि समय के साथ भारतीय बोर्ड के साथ उनके रिश्ते सुधर जायेंगे. आईसीसी प्रमुख के रूप में 2008 से 2012 […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
January 14, 2015 4:12 PM
नयी दिल्ली : आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के मौजूदा सीईओ हारुन लोर्गट ने कहा कि उन्हें अब भी नहीं पता कि बीसीसीआई उनसे नाराज क्यों है लेकिन उन्होंने उम्मीद जतायी कि समय के साथ भारतीय बोर्ड के साथ उनके रिश्ते सुधर जायेंगे.
आईसीसी प्रमुख के रूप में 2008 से 2012 तक लोर्गट के कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई और उनके कई अहम मुद्दों पर मतभेद रहे थे. जिन मुद्दों पर सहमति नहीं थी उनमें निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) और लार्ड वुल्फ आयोग शामिल थे जिसकी शुरुआत लोर्गट ने की थी.
कड़वाहट उस समय और बढ़ गयी जब बीसीसीआई ने लोर्गट को सीएसए का सीईओ बनाये जाने का विरोध किया.सीएसए ने हालांकि जुलाई 2013 में लोर्गट को अपना सीईओ बना दिया जिसके बाद इस तरह की अटकलें थी कि भारत इस साल दिसंबर में होने वाला दक्षिण अफ्रीका का अपना दौरा रद्द कर सकता है.
बीसीसीआई बाद में कम समय के दौरे पर राजी हो गया लेकिन इससे पहले सीएसए को इस बात पर सहमत होना पडा कि लोर्गट भारत से जुड़े मामलों का हिस्सा नहीं होंगे और सीएसए प्रतिनिधि के रूप में आईसीसी की कार्यकारी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.
लोर्गट के खिलाफ आईसीसी की जांच भी हुई थी लेकिन बीसीसीआई के खिलाफ एफटीपी में छेड़छाड़ के आरोपों में उनकी भूमिका की जांच में उन्हें पिछले साल पाक साफ करार दिया गया. लोर्गट ने हालांकि कहा कि उन्हें अब भी नहीं पता कि उन्हें लेकर बीसीसीआई की चिंता क्या थी.
लोर्गट ने ईएसपीनक्रिकइंफो से कहा, मुझे नहीं पता कि मुद्दा क्या है. मुझे लगता है कि यह बीसीसीआई ही बता सकता है. कोई नहीं बता सकता (मुद्दा क्या है). मेरे अध्यक्ष को भी नहीं पता कि मुद्दा क्या है, क्या गलत है. जहां तक इस मुद्दे का सवाल है तो हम सभी को कुछ नहीं पता. उन्होंने कहा, दौरा हुआ था और एक साथ चलने के प्रयास किए गए. लेकिन मैं आपको वह मुद्दा नहीं बता सकता जिसके कारण वह मेरे से नाराज थे. लोर्गट ने मीडिया को जारी बयान में कहा था कि वह बीसीसीआई के साथ बेहतर रिश्तों की दिशामेंकाम करेंगे.
जब यह पूछा गया कि वह ऐसा कैसे करेंगे तो लोर्गट ने कहा, हमें इंतजार करना चाहिए. समय के साथ सब ठीक हो जाता है. मैंने माफी की पेशकश भी की थी अगर मुझे बताया जाता कि मैंने क्या गलत किया है. अगर मुझे लगता कि यह गलत था तो मैं माफी मांगता. यही सही चीज थी. लेकिन जब तक मुझे बताया नहीं जाएगा तब तक मैं कुछ नहीं कर सकता. पिछले साल फरवरी में जब बिग थ्री- भारत, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया ने आईसीसी के ढांचे में बदलाव का प्रस्ताव रखा था तो सीएसए पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ मिलकर इसके खिलाफ था लेकिन बाद में सीएसए के अध्यक्ष क्रिस नेनजानी ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के साथ बातचीत के बाद इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया.
इस मुद्दे पर लोर्गट ने कहा, शुरुआती प्रस्ताव में काफी बदलाव किए गए. अगर आप शुरुआती प्रस्ताव और जिसे स्वीकार किया गया उस प्रस्ताव का अध्ययन करो तो यह काफी अलग था. जब कई शुरुआती प्रस्ताव को हटाया गया और बदलाव से नेनजानी संतुष्ट थे तब भी दक्षिण अफ्रीका ने बहस में हिस्सा लिया. लोर्गट ने हालांकि कहा कि राजस्व का बंटवारा अब भी उचित नहीं है विशेषकर कमजोर बोर्ड के लिए.
उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि राजस्व का बंटवारा सभी देशों के लिए उचित है लेकिन हमें जो मिला है उसे हमें स्वीकार करना होगा. लोर्गट ने कहा, मेरे नजरिये से कमजोर देशों को अधिक समर्थन मिलना चाहिए. हमें दुनिया भर में खेल को बढ़ावा देना चाहिए लेकिन इसे ऐसे ही स्वीकार किया गया है. हमारे सामने माडल तैयार है. हमें जो मिला है हमें उसी के साथ आगे बढ़ना होगा.
उन्होंने कहा, मुझे दिखता है कि क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका से अधिक अन्य कमजोर देशों को भविष्य में जूझना पड़ेगा क्योंकि पैसे का वितरण असमान है और यह उन देशों के पास नहीं जा रहा है जिन्हें इसकी अधिक जरूरत है. सभी पूर्णकालिक सदस्यों को एक दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिलने के बावजूद टेस्ट चैंपियनशिप की व्यावहारिकता के बारे में पूछने पर लोर्गट ने कहा, मुझे नहीं लगता कि चैंपियनशिप नहीं करने के लिए यह कोई बहाना है कि सभी इसमें हिस्सा नहीं ले पायेंगे.